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रक्षाबंधन से पहले भाई की मौत, तेंदुए ने ले ली जान, दहशत में ग्रामीण

महाराष्ट्र के नासिक में तीन साल के बच्चे को तेंदुआ घर से उठा ले गया, घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। वन विभाग के लोग तेंदुए की तलाश कर रहे हैं।

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तेंदूआ: Photo Credit: PTI

महाराष्ट्र के नासिक से एक हैरान करने वाले मामले समाने आया है। रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले तेंदूए के हमले से 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। घटना शुक्रवार की रात करीब 8 बजकर 30 मिनट पर हुई थी। बच्चा घर के पास खेल रहा था, तभी तेंदूए ने हमला कर दिया और बच्चे को अपने मुंह में भरकर उठा ले गया। बच्चे की लाश घर से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में मिली थी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई।

 

यह मामला वडणेर दुमाला गांव का है। 3 साल के आयुष भगत की मौत के बाद पूरे इलाके में शोक और दहशत का महौल बना हुआ है। तेदुए ने आयुष की शरीर पर बुरी तरह से हमला किया था। 6 साल की श्रेया ने अपने मृत भाई की कलाई पर राखी बांधी, ऐसे में वहां खड़े लोग इसे देखकर भावुक हो गए।

 

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घर पर खेल रहा था बच्चा, तेंदुए ने बोला हमला

घटना शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे की है। आयुष भगत अपने घर के पास खेल रहा था, तभी अचानक एक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। परिवार को शुरू में हमले की कोई खबर नहीं थी। जब आयुष के पिता ने उसे बुलाया और कोई जवाब नहीं मिला, तो घरवालों को चिंता हुई।

 

घबराए परिवारजन आयुष को घर के आसपास खोजने लगे। ऐसे में उन लोगों ने देखा कि पास के टमाटर के खेत में खून के निशान दिख रहे थे। परिवार के लोग आयुष का नाम बुला-बुलाकर, खेत-खेत ढूंढना शुरू कर दिए। कुछ ही देर में गांववाले भी आयुष की तलाश में शामिल हो गए और किसी ने घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड को दे दी थी।

 

वन रक्षक अनिल आहिरराव के अनुसार, 10 से ज्यादा वन विभाग के कर्मचारी सूचना मिलते ही खोज अभियान में जुट गए थे। रात ज्यादा होने की वजह से थर्मल ड्रोन कैमरे की मदद से तलाश की जा रही थी। रात में करीब 11 बजकर 45 मिनट पर ड्रोन में तेंदुआ दिखाई दिया, जो भगत के घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर एक खेत में बैठा था। गांववाले जैसे ही उसके पास पहुंचे, तेंदुआ भाग गया। जब लोगों ने आसपास के खेतों में आयुष को ढूंढा तो आयुष का शव पास के गन्ने के खेत में मिला, उसकी शरीर पर गहरे घाव के निशान भी थे। बच्चे का शव देखकर पूरे गांव में शोक और डर का महौल बना हुआ है। 

 

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परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

इस घटना ने भगत परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया है। रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, इस परिवार के लिए अब जीवनभर दर्द और यादों का बोझ बनकर रह गया है। लोग अब बच्चों को घर से बाहर अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। वन विभाग ने तेंदुए की तलाश शुरू कर दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हालांकि अभी तक तेंदूए को पकड़ में नहीं आया है। 

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