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2025 में बिहार में अपराध बढ़ा या घटा? पढ़िए पुलिस ने क्या बताया

बिहार में नई जेडीयू सरकार अपराध को कम करने की दिशा में काम कर रही है। राज्य के डीजीपी ने बताया कि अपराध की क्या स्थिति है।

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बिहार के डीजीपी विनय कुमार: Photo Credit: Social Media

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संजय सिंह, पटनाः बिहार आपराधिक वारदातों को लेकर बदनाम रहा है। चुनाव से पहले हत्या की कई सनसनीखेज घटनाएं हुई। चुनाव के दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा रहा। एनडीए जहां लोगों को जंगलराज की याद दिला रहा था तो वहीं महागठबंधन व्यवसायियों की हो रही लगातार हत्या को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा था। गृह मंत्री के रूप में जबसे सम्राट चौधरी स्थापित हुए हैं, तबसे पुलिसकर्मियों की सजगता थोड़ी बढ़ी है।

 

औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए केंद्र की तरह बिहार में भी औद्योगिक सुरक्षा बल के गठन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। चिन्हित अपराधियों की सूची बनाई जा रही है। जमीन बालू माफिया पर पुलिस की कड़ी नजर है। अपराध के माध्यम से जिन लोगों ने मोटी कमाई की है अब उनकी भी संपत्ति जब्त करने की तैयारी पुलिस ने पूरी कर ली है। पुलिस के लिए संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभया ब्रिगेड का गठन किया गया है ।

अपराध की घटनाओं में गिरावट

हालांकि, बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार का दावा है कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2025 में अपराध के मामले में भारी गिरावट आई है। हत्या के मामले 7.72 प्रतिशत कम हुए हैं, जबकि डकैती के मामले में 24.87 और दंगा के मामले में 17.97 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2024-2025 के दौरान सांप्रदायिक घटनाओं से संबंधित 437 मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है। राज्य में विधि व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत वर्ष 2024 में 25 कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध निरुद्धादेश स्थापित किया गया। 

 

पूरे राज्य में 1419 ऐसे अपराधियों की पहचान की गई है, जिन्होंने अपराध को जरिया बनाकर मोटी संपत्ति अर्जित की है। इनमें से 405 अपराधियों के खिलाफ संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव माननीय न्यायालय को भेजा गया है। 70 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई पुलिस द्वारा की जा रही है। इस अवधि में 335116 अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हुई है। अपराधियों के पास से 4528 हजार हथियार और 28414 गोलियां भी बरामद की गई है। इसके अलावा सांप्रदायिक हिंसा के 1308, पुलिस पर हमले पर 524, भीड़ द्वारा हिंसा के 58 और हर्ष फायरिंग के 64 मामले सामने आए हैं।

अब तक 6 एनकाउंटर

सरकार के गठन के बाद पुलिस ने अपराधियों से लोहा लेना शुरू कर दिया है। अब तक पुलिस और अपराधियों के बीच एनकाउंटर की छह घटनाएं हो चुकी है। सबसे पहला एनकाउंटर बेगूसराय में हथियार तस्करों के साथ हुआ था। सर्वाधिक तीन एनकाउंटर छपरा में हुआ। पुलिस ने इस घटना में एक शराब तस्कर को जख्मी कर दिया। दूसरी घटना में छपरा का ही दबंग अजय राय पुलिस की गोलियों से जख्मी हो गया। छपरा में डाक्टर अपहरण कांड में शामिल दो अपराधियों के साथ पुलिस का मुठभेड़ हुआ और दोनों को पुलिसकर्मियों ने जख्मी कर दिया। पटना में एक कारोबारी से बदमाश लगातार रंगदारी की मांग कर रहे थे। जब यह मामला पुलिस में पहुंचा तो पुलिस ने उसकी घेराबंदी कर पकड़ने की कोशिश की। उसने पुलिस पर गोली चला दी। परिणामस्वरूप पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और अपराधी घायल हो गया।

औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन

बिहार में सड़क और बिजली की स्थिति सुधरी है। कानून व्यवस्था के भय के कारण दूसरे देश और प्रदेश के उद्योगपति बिहार में निवेश करने से हिचकते हैं। ऐसे उद्योगपतियों को राज्य सरकार ने सुरक्षा की पूरी गारंटी देने का निर्णय लिया। उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल का कहना है कि सरकार उद्योग एवं उद्योगपतियों की सुरक्षा के लिए केंद्र की तर्ज पर बिहार में भी औद्योगिक सुरक्षा बल के गठन का निर्णय लिया है। इसके गठन से एक ओर तो युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं दूसरी ओर उद्योगपतियों को सुरक्षा भी मिलेगा।

फील्ड में घूमने के लिए मिलेंगे नए वाहन

अपराध की संख्या प्रदेश में कम हो सके, इसके लिए अधिकारियों और कर्मियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए 494 नए वाहन खरीद की मंजूरी दी गई है। जब जब और अनुपयोगी हो चुके 657 वाहनों को रद्द घोषित कर दिया गया है। नए वाहन की खरीद के लिए 70.53 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। डीआईजी के लिए 20-20 लाख रुपये के छह और एसपी के लिए 16-16 लाख रुपये की लागत से 21 वाहन खरीदे जाएंगे। 157 नई मोटरसाइक़िलें भी ली जाएगी। इसके अलावा 15 एंबुलेंस, 51 ट्रक केरियर, 48 बस,10 बज्रवाहन, 34 कैदी भान और 5 वाटर कैनन वाहन खरीदे जाएंगे। इससे पुलिस की कार्यक्षमता में और तेजी आएगी।

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