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बिहार महिला आयोग में मचे घमासान की कहानी! निशाने पर CM नीतीश कुमार

बिहार में राज्य महिला आयोग की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। यह चर्चा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार की पत्नी की राज्य महिला आयोग में हुई नियुक्ति की वजह से है।

Bihar Women Commission appointment

बिहार महिला आयोग। Photo Credit- Social Media

इन दिनों बिहार में राज्य महिला आयोग की काफी चर्चा हो रही है लेकिन यह चर्चा आयोग द्वारा किसी महिला सुरक्षा को लेकर की गई कार्रवाई के लिए नहीं बल्कि एक 'नियुक्ति' की वजह से हो रही है। बिहार महिला आयोग में नियुक्ति का मामला इतना फैल चुका है कि अब यह राज्य में राजनीतिक मुद्दा बन गया है। आयोग में हुई इस नियुक्ति की वजह से बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं।

 

दरअसल, बिहार के चर्चित रिटार्यड आईएएस अफसर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार को एनडीए सरकार ने इनाम दिया है। यह इनाम भी दीपक कुमार को नहीं बल्कि उनकी पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को दिया गया है। नीतीश सरकार ने रश्मि सिन्हा को बिहार राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया है। इसकी अधिसूचना एक हफ्ते पहले ही जारी की गई थी लेकिन सरकारी नोटिफिकेशन में ऐसा खेल किया गया है कि इसका खुलासा अब जाकर हुआ है। यानि कि नोटिफिकेशन में रश्मि रेखा सिन्हा के बारे में खुलकर जानकारी नहीं दी गई थी कि वह कौन हैं!

पुनर्गठन का मुद्दा उठा था मुद्दा

यह भी जानना जरूरी है कि काफी समय से बिहार महिला आयोग के पुनर्गठन का मुद्दा उठ रहा था। आयोग पर लंबे समय से निष्क्रिय पड़े रहने के आरोप लग रहे थे इसलिए इसके पुनर्गठन की मांग चल रही थी। महिला आयोग लगभग 15 महीनों से भंग पड़ा था, जिस वजह से महिला आयोग में 6 हजार से भी ज्यादा महिलाओं के मामले लंबित पड़े हुए हैं। आखिरकार बिहार की एनडीए सरकार के समाज कल्याण मंत्रालय ने 7 जून को प्रो. अप्सरा ने राज्य महिला आयोग की मनोनीत अध्यक्ष नियुक्त किया।

 

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समझिए क्या है पूरा मामला?

समाज कल्याण विभाग ने 7 जून को बिहार महिला आयोग के गठन की नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें अध्यक्ष समेत 7 महिलाओं को सदस्य बनाया गया है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में जिन्हें महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है, उस सूची में 7वें नंबर पर रश्मि रेखा सिन्हा का नाम है। रश्मि सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार की पत्नी हैं।

देर से मामला क्यों सामने आया?

बिहार सरकार ने महिला आयोग के गठन की अधिसूचना 7 जून को जारी की थी। लेकिन मामला अब सामने आया है। इसके पीछे की वजह ये है कि राज्य सरकार ने महिला आयोग के 7 सदस्यों की जो लिस्ट जारी की है, उनमें सभी सदस्य महिलाओं के पति के नाम के साथ उनका पूरा पता दिया गया है।

 

मगर, महिला आयोग के सदस्यों की लिस्ट में रश्मि रेखा सिन्हा 7वें नंबर हैं। रश्मि सिन्हा के पति के नाम के बजाय उनके पिता का नाम लिखा गया है जबकि सरकारी नोटिफिकेशन में शामिल 7 सदस्यों में से 6 का नाम के साथ पूरा पता दिया गया है। रश्मि सिन्हा के लिए नोटिफिकेशन में लिखा गया है- रश्मि रेखा सिन्हा, पिता-सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, पत्राचार का पता-C/O- देवेंद्र प्रसाद वर्मा, आवास संख्या-12बी., फेज-1, आशियाना नगर, पटना-800025।

 

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महिला आयोग के गठन के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन में इन्हीं बातों को छिपाने की वजह से राज्य की सिसायत गर्म हो गई है। साथ ही नोटिफिकेशन पर गंभीर सवाल उठ रहे है। रश्मि सिन्हा के पति दीपक कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं। इस नाते उन्हें राज्य सरकार ने बड़ा बंगला दिया हुआ है। जाहिर है दीपक कुमार, उनकी पत्नी रश्मि और उनका परिवार इसी बंगले में रहता है। इसके बावजूद सरकार ने महिला आयोग के गठन के लिए जारी नोटिफिकेशन में रश्मि सिन्हा के पति का नाम का तो लिखने के बजाय उनका पता भी बदल दिया। 

नियुक्तियों पर तेजस्वी ने खोला मोर्चा

इन सबके बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को घेरा है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा है कि मुख्यमंत्री आयोगों में अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जगह भ्रष्ट अधिकारियों को दे रहे हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आयोगों में नीतीश कुमार ने अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जगह नहीं दिया है, बंदरबांट के महारथी भ्रष्ट अधिकारियों और अपने भुंजा गैंग के सदस्यों के संबंधियों को जगह दिया है! और कार्यकर्ता बेचारे बंधुआ मजदूरों की तरह मुंह ताकते रह गए!'

 

आयोगों को 'जमाई आयोग' की संज्ञा 

इसके अलावा तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के आयोगों को 'जमाई आयोग' की संज्ञा दी है। उन्होंने आरोप लगाया, 'अचेत अवस्था में बिहार संभाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और परिवारवाद के पोषक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर बिहार में जमाई आयोग का गठन किया है। इसमें स्वर्गीय रामबिलास पासवान के दामाद, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के दामाद को जगह दी गई है।

 

उन्होंने आगे जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री सहित 50% से ज्यादा मंत्री परिवारवादी है।

रिटायर्ड अधिकारियों की पत्नियों के लिए...

इन नियुक्तियों को लेकर आरजेडी और तेजस्वी यादव आगामी विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री की अवचेतन अवस्था के कारण अतिपिछड़ों, अल्पसंख्यकों और दलितों का वोट लेकर संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी, मुस्लिम विरोधी एवं बहुजन विरोधी लोगों ने मुख्यमंत्री सचिवालय पर कब्जा कर लिया है।  कोई अपने बेटे को, कोई दामाद को, कोई पत्नी को तो कोई रिश्तेदार को रेवड़ी की तरह पद बांट रहा है। ठेके बांट रहा है।

 

 

अब तो बिहार की जनता ही कह रही है कि एक समर्पित जमाई आयोग के साथ-साथ मुख्यमंत्री जी के खास टायर्ड-रिटायर्ड अधिकारियों की पत्नियों के लिए भी 'Special Arrangement Commission' यानि 'विशेष व्यवस्था आयोग' बना देना चाहिए ताकि हर प्रकार से बिहार को लूट सके।'

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