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बिहार: सर्वे में फेल तो नहीं मिलेगा टिकट! BJP लोगों से ले रही फीडबैक

बीजेपी ने प्रवासी महिलाओं के प्रचार-प्रसार के बाद सर्वे का काम शुरू कर दिया है। यह टीम घर-घर जाकर वोटरों से प्रत्याशियों का फीडबैक ले रही है। एक टीम में 50 से 70 लोगों को शामिल किया गया है।

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बीजेपी। Photo Credit- PTI

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संजय सिंह, पटना। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रवासी महिलाओं के प्रचार-प्रसार के बाद सर्वे का काम शुरू कर दिया है। यह टीम घर-घर जाकर वोटरों से प्रत्याशियों का फीडबैक ले रही है। एक टीम में 50 से 70 लोगों को शामिल किया गया है। खराब फीडबैक वाले उम्मीदवारों का इस विधानसभा चुनाव में चेहरा बदल सकता है। कुछ संसदीय चुनाव में हारे या टिकट से वंचित रह गए नेता भी टिकट के लिए भाग दौड़ करते देखे जा रहे हैं।

 

पार्टी ने बूथ और प्रखंड स्तर के नेताओं को यह जिम्मेवारी सौंपी है कि वे घर-घर जाकर उम्मीदवारों का फीडबैक लें। इस दौरान संपर्क में आए लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का भी सुझाव टीम को दिया गया है। राज्य सरकार ने हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को बढाया है। इसके साथ ही 125 यूनिट बिजली को फ्री किया गया है। महिलाओं के लिए कई तरह की योजना चलाई जा रही हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता भी दी गई है। 

 

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लोगों की समस्याओं की जानकारी लेंगे

इन बातों का व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ लोगों की समस्याओं की जानकारी लेने का सुझाव भी सर्वे टीम के सदस्यों को दिया गया है। टीम के सदस्यों को यह भी कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर लोगों के साथ बैठक और नुक्कड़ सभा भी करें। हर घर में हमारे पार्टी का संपर्क होना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी के कार्यक्रम और नीतियों से जोड़ा जा सके।

कैसे देनी होगी रिपोर्ट?

पार्टी सूत्रों ने बताया कि सर्वे टीम को लगभग 40 बिन्दुओं पर अपनी रिपोर्ट देनी है। इस रिपोर्ट में संभावित प्रत्याशी की इमेज, स्वभाव, उनके कार्यों का लेखा जोखा, वोटरों के बीच उनकी पकड़ की जानकारी देनी है। जिनका रिपोर्ट बेहतर होगा उनके ही आवेदन पर पार्टी नेतृत्व विचार करेगा। बूथ रिपोर्ट के साथ-साथ जिलाध्यक्ष की सहमति भी जरूरी है। इस प्रक्रिया को पूरा होने के बाद संबधित क्षेत्र के विधानसभा प्रभारी से भी रिपोर्ट ली जाएगी। फिर सभी नामों पर राज्य कमेटी के सदस्यों के बीच चर्चा होगी। 

 

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पुराने चेहरों में क्यों है डर?

राज्य कमेटी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय कमेटी को भेजेगी। केंद्रीय कमेटी अंतिम निर्णय लेने में सक्षम होगी। यह प्रक्रिया पिछले दो महीने से चल रही है लेकिन सितंबर महीने में इस काम में तेजी आने की संभावना है।

 

इधर टिकट की उम्मीद में बैठे नेता दिल्ली पटना जाकर अपने-अपने राजनीतिक आकाओं के दरबार में जाकर हाजिरी लगा रहे हैं। कुछ पुराने चेहरे इस बात से मायूस हैं कि कहीं सर्वे रिपोर्ट के नाम पर उनका टिकट न कट जाए।

 


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