कोलकाता से 132 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के पांशकुड़ा इलाके में 12 साल के एक छात्र इस वजह से आत्महत्या की क्योंकि एक दुकानदार ने उस पर चिप्स चोरी करने का झूठा आरोप लगाकर सार्वजनिक रूप से उसकी बेइज्जती की और उसके साथ मारपीट भी की। दुकानदार सिविक वालंटियर भी है और उसने बच्चे पर बेबुनियाद आरोप लगाए जिससे दुखी होकर छात्र ने अपना जीवन खत्म कर लिया। पुलिस को छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने साफ लिखा है, 'मां, मैंने चिप्स चोरी नहीं की थी, उसे रास्ते से उठा कर लाया था।' मृतक छात्र पांशकुड़ा के गोंसाइबेर बाजार का रहने वाला था।
क्या है पूरा मामला?
परिवार के मुताबिक, रविवार को उनका बेटा बाजार में चिप्स खरीदने गया था लेकिन दुकान पर चिप्स नहीं थे और दुकानदार भी वहां नहीं था। इसी दौरान उसने सड़क किनारे पड़ा चिप्स का पैकेट उठा लिया। तभी दुकानदार ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया। इस दुकानदार ने लड़के को कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया और सबके सामने मारपीट की। बताया जा रहा है कि दुकान का मालिक शुभंकर दीक्षित भी इसी सिविक वालंटियर का हिस्सा है।
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मां ने भी मासूम का डांटा
रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग ने चिप्स के पैसे देने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद दुकानदार ने उसके साथ मारपीट की। नाबालिग की मां घटनास्थल पर आईं और उसे डाटकर अपने साथ घर ले गई। घर आने के बाद दुखी बेटा अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद, परिवार के सदस्यों ने उसे बेहोश पाया। परिजनों ने बताया कि नाबालिग ने कीटनाशक खा लिया था। उसे तुंरत तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई।
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'मैंने चोरी नहीं की'
सुसाइड नोट में उसने लिखा था, 'मां, मैं कहना चाहता हूं कि मैंने चिप्स रास्ते से उठाए थे, मैंने चोरी नहीं की।' यह दुखद घटना पूरे इलाके में शोक और सदमे का कारण बनी है। स्थानीय लोग आरोपी दुकानदार शुभंकर दीक्षित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।