उत्तराखंड के चमोली जिले में एक बार फिर से बादल फटने की घटना सामने आई है। जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि सुबह नंदानगर इलाके में बादल फटने के बाद कम से कम पांच लोग लापता हो गए हैं। शहर के कुंत्री लंगाफली वार्ड में कई घर अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई को जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया, 'भारी बारिश के बाद कम से कम सात लोग लापता हैं। कम से कम 10-12 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं। क्षतिग्रस्त घरों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ दुकानें भी प्रभावित हुए हैं।'
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि नगर पंचायत नंदानगर के कुंत्री में भूस्खलन के मलबे ने आधा दर्जन से ज्यादा घरों को बर्बाद कर दिया। केंद्र ने बताया कि भूस्खलन के समय सात लोग घरों के अंदर थे, जिनमें से दो को जिंदा बचा लिया गया, जबकि पांच अभी भी लापता हैं।
डीएम ने दी जानकारी
संदीप तिवारी ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय तहसील की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंच गई हैं। उन्होंने बताया कि जेसीबी की मदद से सड़के खोलने की कोशिश की जा रही है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बचाव दल 30-35 मिनट में प्रभावित इलाके में पहुंच जाएगा। डीएम ने जानकारी में बताया कि जितने भी राहत केंद्र है उनकी पहचान कर ली गई है। प्रभावित लोगों को इन जगहों पर जल्द से जल्द पहुंचाया जाएगा।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'जनपद चमोली के नंदानगर घाट क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से आस पास के घरों को क्षति पहुंचने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ व पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस संबंध में निरंतर प्रशासन से संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।'
चमोली में कई बार बादल फटा
उत्तराखंड में इस साल अकेले चमोली मानसून से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। यहां कई बार बादल फटने और अचानक बाढ़ से पहले से ही बहुत नुकसान हो चुका है। इस महीने की शुरुआत में एक अधिकारी ने बताया था कि केंद्र की एक टीम इस मानसून में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए उत्तराखंड के सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों का दौरा करेगी।
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अगस्त 2025 में नंदानगर में ही कुछ जगहों में जमीन धंस गई थी और घरों की दीवारों में दरारें आ गई थीं। इसके बाद कई लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया था। नंदानगर घाट अलकनंदा नदी के पास स्थित है।
15 सितंबर 2025 को देहरादून में बादल फटने से तपोवन, सहस्त्रधारा और आईटी पार्क सहित कई इलाकों में भीषण बाढ़ और जलभराव हो गया था। सितंबर 2025 को थराली के सागवाड़ा गांव में अचानक बादल फटने से घरों को नुकसान पहुंचा था। 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे।