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भागलपुर: 53 गिरफ्तार, 27 FIR और करोड़ों की ठगी, साइबर क्राइम के डेटा ने डराया

भागलपुर में स्थित साइबर पुलिस स्टेशन के प्रभारी और साइबर सेल के डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव ने बताया कि एक साल में करोड़ों रुपये साइबर ठगों ने ठग लिए हैं। पुलिस ने 53 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

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डिजिटल युग के इस दौर में हर कोई छोटी-बड़ी हर एक ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई जैसे ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल कर रहा है। हर किसी के पास स्मार्टफोन मौजूद है, जिससे ऑनलाइन पेमेंट तक हर किसी की पहुंच हो गई है। इस बीच साइबर क्राइम भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। पुलिस और आम लोगों को साइबर अपराधियों ने परेशान कर दिया है। आए दिन किसी ना किसी को साइबर अपराधी ठगी का शिकार बना रहे हैं। कई राज्यों में बढ़ते साइबर क्राइम से निपटने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन की स्थापना भी की गई है। 

 

बिहार के भागलपुर में स्थित साइबर पुलिस स्टेशन के प्रभारी और साइबर सेल के डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बढ़ते साइबर क्राइम पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि डिजिटल युग ने लोगों की जिंदगी को आसान बनाया है और उन तक सेवाएं पहुंचाई हैं। उन्होंने कहा, 'डिजिटल युग में लोगों तक सुविधाएं पहुंची हैं लेकिन इसके साथ ही साइबर क्राइम को भी बढ़ावा मिला है।' उन्होंने कहा कि नागरिक अपनी उंगलियों से लाखों की ट्रांजेक्शन मिनटों में कर सकते हैं लेकिन इसके साथ ही कई लोग साइबर क्राइम का भी शिकार हो रहे हैं। 

 

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पुलिस के लिए चुनौती

कनिष्क श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस के लिए बढ़ते साइबर क्राइम से निपटना बहुत मुश्किल टास्क है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 2025 में बिहार के भागलपुर में साइबर क्राइम की घनाओं में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, 'इश साल अब तक भागलपुर के साइबर पुलिस स्टेशन में 91 FIR दर्ज की गई हैं। 25 दिसंबर तक 27 साइबर धोखाधड़ी के मामलों को हल कर लिया गया है और अलग-अलग सारबर क्राइम और धोखाधड़ी में शामिल 53 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।' अपनी बात रखते हुए उन्होंने हाल ही में हुए साइबर क्राइम के मामलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 1 करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ऐसे ही एक अन्य मामले में एक बैंक मैनेजर को शेयर मार्केट में शेयरों और आईपीओ में निवेश करने के बहाने एक ऐप के जरिए 1 करोड़ 11 लाख रुपये का चूना लगाया गया। 

महिलाओं को भी अपने जाल में फंसा रहे

उन्होंने बताया कि हाल के मामलों में साइबर क्राइम के मामलों में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये बरामद किए गए और पीड़ितों को वापस कर दिए गए। उन्होंने आगे ठगों के नेटवर्क के बारे में बात करते हुए बताया कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल के मु्र्शिदाबाद और राजस्थान के जोधपुर सहित कई जगहों से गिरफ्तार किया गया। साइबर क्राइम में महिलाओं को ठगने के मामलों का जिक्र करते गुए उन्होंने कहा, 'ग्रामीण इलाकों की भोली-भाली महिलाओं को लोन देने के बहाने उनसे ठगी की जाती है। इस तरह के मामलों में इस साल अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।' उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के कारण करोड़ों रुपये ठगों के बैंक खाते में जाने से बच गए। साइबर ठग आम तौर पर फर्जी बिजली का बिल, रिचार्ज मैसेज, केवाईसी अपडेट , क्रेडिट कार्ड और फर्जी ऐप और लिंक के जरिए लोगों को शिकार बनाते हैं।

 

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क्या कर रही पुलिस?

साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए पुलिस क्या प्रयास कर रही है इस बारे में बात करते हुए कनिष्क श्रीवास्तव ने कहा कि अलग-अलग स्तरों पर पुलिस साइर सिक्योरिटी जागरूकरता कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने कहा, 'इन कार्यक्रमों का उद्देश्य फिशइंदग, सेक्टॉर्शन, ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी और एआई का इस्तेमाल करके ब्लैकमेल समेत अलग-अलग साइबर क्राइम की पहचान करना और उन्हें रोकना है।' उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस और साइबर सिक्योरिटी सिस्टम इस तरह के साइबर क्राइम से निपटने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से इस खतरे से निपटने के लिए पुलिस की मदद करने के लिए कहा।

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