गाजियाबाद की डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (DCDRC) ने नोएडा की एक फर्म पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना वजम कम करने को लेकर झूठे दावे करके अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए लगाया गया है। कमीशन ने आरोपी फर्म को ग्राहक से वजन कम करने का झूठा दावा करके प्रोडक्ट बेचने के लिए 2400 रुपये रिटर्न करने के लिए भी कहा है। तीन साल पहले एक कपल ने DCDRC में शिकायत दर्ज करवाई थी। उनकी शिकायत पर ही DCDRC का यह फैसला आया है।
DCDRC ने एमएस वेदास क्योर प्राइवेट लिमिटेड को भ्रामक दावों के प्रचार का दोषी पाया था। कंपनी ने दावा किया था कि उनका प्रोडक्ट आयुर्वेदिक है और इस्तेमाल करने से कोई नुकसान नहीं होता। हालांकि, शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे कंपनी का प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से साइड इफेक्ट भी हुआ और साथ में विज्ञापन में किए गए दावों के अनुसार, वजन कम भी नहीं हुआ।
यह भी पढ़ेंः ऐसे कैसे देश चलाएंगे नेपाल के Gen-Z? प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो गया बवाल?
जुर्माना भरने के लिए दिए 45 दिन
कमीशन ने शिकायतकर्ता के दावों को सही बताया और कंपनी पर जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने कंपनी पर 12400 रुपये का जुर्माना लगाया है और जुर्माना भरने के लिए 45 दिन का समय दिया गया है। अगर कंपनी 45 दिनों के अंदर जुर्माना नहीं भरती तो कंपनी को 6 प्रतिशत सालान दर से जुर्माने की राशि पर ब्याज भी देना पडे़गा।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता नीरज कुमार और उनकी पत्नी सुरेखा ने 19 सितंबर 2022 में DCDRC में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर एमएस वेदास क्योर प्राइवेट लिमिटेड से दवाइयां खरीदी थी। विज्ञापन में दावा किया गया था कि कंपनी का प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से वजन कम हो जाएगा। नीरज कुमार ने बताया, 'जब मेरी पत्नी ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया तो उन्होंने बताया कि अगर वह 30 दिनों तक कंपनी का प्रोडक्ट इस्तेमाल करती हैं तो वह 5 किलो तक वजन कम कर सकती हैं। उन्होंने 2400 रुपये ऑनलाइन पेमेंट कर दी थी, जिसके बाद हमें 3-4 दिनों में दवाईयां मिल गई थीं।'
शिकायतकर्ता नीरज ने यह भी दावा किया कि जो पार्सल उन्हें मिला था वह सील नहीं था। उन्हें शक था कि दवाइयां सही हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने कंपनी से संपर्क किया लेकिन कंपनी ने बताया कि यह प्रोडक्ट बिल्कुल सही है।
यह भी पढ़ेंः तोड़फोड़, आगजनी के बाद शांत होगा नेपाल? पूरे देश में लागू हुआ कर्फ्यू
दवाईयां खाने से हुआ नुकसान
नीरज कुमार ने कमीशन को बताया कि दवाईयों का इस्तेमाल करने से मेरी पत्नी के सिर में दर्द रहने लगा और उनका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगा लेकिन उन्होंने दवाई लेना जारी रखा। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि शरीर के वजन में कोई कमी नहीं आई, जिससे उन्हें लगा कि कंपनी ने झूठा दावा किया। कमीशन ने कंपनी को नोटिस जारी किया तो कंपनी ने कहा कि उनके प्रोडक्ट में कोई दिक्कत नहीं है और उनके सारे प्रोडक्ट लाइसेंस लेकर बनाए गए हैं।
कंपनी पर लगा जुर्माना
कमीशन ने माना कि कंपनी ने विज्ञापन में झूठा दावा किया था। कंपनी ने ग्राहक को 9 अप्रैल 2022 को एक मैसेज भी किया था, जिसमें उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनका प्रोडक्ट पूरी तरह से सुरक्षित है और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट होने के कारण इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होगा। कमीशन ने कहा कि दवाइयों का इस्तेमाल करने से ग्राहक को साइड इफेक्ट हुआ है। कमीशन ने कंपनी को दोषी माना और जुर्माना लगाया।