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दिल्ली: आनंद विहार में आग लगने से 3 की मौत, परिजनों को 10 लाख मुआवजा

मजदूर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के लिए भूमिगत पाइप बिछाने वाले ठेका मजदूर के रूप में काम करते थे और डीडीए प्लॉट पर एक अस्थायी टेंट में रहते थे।

Representational Image । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में मंगलवार तड़के एक टेंट में आग लगने से दो भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना में एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, चारों लोग इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के लिए भूमिगत पाइप बिछाने वाले ठेका मजदूर के रूप में काम करते थे और डीडीए प्लॉट पर एक अस्थायी टेंट में रहते थे। 

 

उन्होंने बताया कि 30 वर्षीय जग्गी और 40 वर्षीय श्याम सिंह और 37 वर्षीय कांता प्रसाद के जले हुए शव मौके से बरामद किए गए हैं। नितिन सिंह का पैर में मामूली रूप से जल गया है। 

मंगलवार दोपहर को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विश्वास नगर के विधायक ओपी शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और वहां मौजूद पीड़ित परिवारों से बात की।

 

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मृतकों को मिलेंगे 10-10 लाख रुपये

उन्होंने कहा,'सभी प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। एक गरीब परिवार घर बनाने के लिए संघर्ष करता है और ऐसी त्रासदियां उनकी आत्मा को पूरी तरह से तोड़ देती हैं। मैं दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूं। हालांकि हम उनके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन दिल्ली सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। सीएम गुप्ता ने मीडिया को दिए बयान में कहा, मृतकों के परिवारों को सरकार की ओर से 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।

 

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने की सूचना सुबह 2.42 बजे मिली और तीन दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया।

 

बाहर नहीं निकल पाए मजदूर 

पुलिस के अनुसार, श्याम ने सबसे पहले देखा कि टेंट में आग लगी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'बचे हुए नितिन ने हमें बताया कि चारों लोगों ने सोने से पहले कुछ शराब पी थी। रात करीब 2 बजे श्याम ने नितिन को आग लगने की सूचना देकर जगाया...जबकि श्याम ने टेंट के अस्थायी दरवाजे का ताला खोलने की कोशिश की, नितिन टेंट के सहारे लगी दीवार पर चढ़कर दूसरी तरफ कूदने में कामयाब रहा...तब तक बाकी लोग भी जाग गए थे, लेकिन वे बाहर नहीं निकल पाए।'

 

पुलिस ने बताया कि श्याम का शव दरवाजे के पास मिला, जबकि कांता और जग्गी के जले हुए शव कंपाउंड की दीवार के पास मिले।

 

जांच जारी है

पुलिस ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, जिसमें एक गैस सिलेंडर भी फट गया। उन्होंने कहा कि लोग टेंट के अंदर कूलर स्टैंड पर ईंधन से जलने वाला एक छोटा सा दीपक रखते थे और अस्थायी गेट को बंद कर देते थे। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि आग लैंप के पास किसी सामग्री से लगी थी, जो आग पकड़ कर तेज़ी से फैल गई।

 

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पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 106(1) (लापरवाही से मौत) के तहत एफआईआर दर्ज की है। डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने मीडिया को बताया कि तीनों पीड़ितों की मौत का कारण दम घुटना लग रहा है।

 

यूपी के हैं तीनों मृतक

पुलिस ने बताया कि शवों को सब्जी मंडी शवगृह में रखवा दिया गया है। तीनों मृतक उत्तर प्रदेश के बांदा और औरैया जिले के रहने वाले थे।

 

उनकी बहन सुमन (30) को सुबह 6 बजे घटना की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया, 'कांता की बेटी की सगाई दिसंबर में हुई थी और वह उसकी शादी का इंतजार कर रहा था। यह इस साल दिवाली के बाद होने वाली थी।'

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