स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल फीस अधिनियम को मंजूरी दे दी है।
इस निर्णय का उद्देश्य स्कूल फीस को रेग्युलेट करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, जिससे स्कूलों को अत्यधिक फीस वसूलने से रोका जा सके। इस अधिनियम से राजधानी भर के पैरेंट्स को बहुत राहत मिलने की उम्मीद है।
यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि पैरेंट्स की तरफ से लगातार मनमाने ढंग से फीस बढ़ाए जाने को लेकर शिकायतें आ रही थीं। दिल्ली विधानसभा में पेश और पारित होने के बाद, यह अधिनियम कानून बन जाएगा और निजी स्कूलों की फीस स्ट्रक्चर पर सख्त नियम लागू करेगा।
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अभी तक, दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा अपनी फीस निर्धारित करने या बढ़ाने के तरीके को रेग्युलेट करने के लिए कोई कानून नहीं था। ऐसे कानून की कमी के कारण फीस में काफी अनियंत्रित ढंग से वृद्धि की जाती रही है, जिससे कई परिवारों को परेशानी हुई।
पैरेंट्स के लिए बड़ी राहत
हाल ही में स्वीकृत दिल्ली स्कूल फीस अधिनियम पैरेंट्स के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है, जिसका उद्देश्य निजी संस्थानों द्वारा मनमानी और अत्यधिक फीस बढ़ोत्तरी को रोकना है।
दिल्ली कैबिनेट द्वारा निजी और सरकारी स्कूलों में फीस को रेग्युलेट करने के लिए मसौदा विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, 'स्कूल प्रशासन द्वारा की जा रही गतिविधियों के कारण बच्चों और उनके पैरेंट्स में घबराहट थी। हमने इसका गहन अध्ययन किया और उस संबंध में कदम उठाए... दिल्ली में स्कूल फीस बढ़ोतरी के संबंध में पिछली किसी भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। 1973 के बाद से इस मुद्दे के समाधान के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। आज मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है। दिल्ली कैबिनेट ने निजी, सरकारी स्कूलों में फीस को विनियमित करने के लिए मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है।'
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उन्होंने कहा, 'इतिहास में पहली बार, सरकार एक व्यापक विधेयक का मसौदा तैयार कर रही है, जो दिल्ली भर के सभी 1,677 स्कूलों में फीस को रेग्युलेट करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करेगा - चाहे वे सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त या निजी संस्थान हों।'
क्या बोले शिक्षामंत्री
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा, 'आज हमारी कैबिनेट ने फीस वृद्धि करने या न करने के संबंध में एक कानूनी निर्णय लिया है और एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है, जिसमें सरकार को रेग्युलेट करने, (फीस वृद्धि) रोकने और स्कूलों द्वारा अनुपालन न करने पर कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है...उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी (जिन स्कूलों के खिलाफ पहले नोटिस जारी किए गए थे)। इस विधेयक के आधार पर फीस बढ़ाई या घटाई जाएगी...यह 1 अप्रैल से लागू होगा। इसका पूर्वव्यापी प्रभाव होगा और इस वर्ष की फीस भी रेग्युलेट होगी।'