स्कूलों में फीस किसने बढ़ाई? BJP ने AAP को याद दिलाए पुराने दिन
AAP नेता आतिशी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में स्कूलों की कीमत मनमाने ढंग से बढ़ाई गई है। बीजेपी ने इसका जवाब दिया है। पढ़ें रिपोर्ट।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता। (Photo Credit: PTI)
दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में ठन गई है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि AAP सरकार में कुछ चयनित स्कूलों की फीस ही बढ़ाई गई, इसमें करोड़ों के भ्रष्टाचार की बात की गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस भ्रष्टाचार के करोड़ों रुपये कमाए गए हैं। उन्होंने कई स्कूलों का नाम भी सार्वजनिक किया है।
दिल्ली के शिक्षामंत्री आशीष सूद ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2004 में एक केस में आदेश दिया था कि दिल्ली के स्कूलों में फीस बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय की मंजूरी अनिवार्य है लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। उन्होंने मनीष सिसोदिया के शिक्षामंत्री रहने के दौरान स्कूलों के ऑडिट न होने का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि जो प्राइवेट स्कूल सरकारी जमीनों पर बने हैं, उनकी भी फीस धड़ल्ले से बढ़ाई जा रही है।
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'प्राइवेट स्कूलों की AAP ने बढ़ाई फीस'
आशीष सूद ने कहा, 'दिल्ली में 1677 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से 335 स्कूल सरकारी जमीन पर बने हैं, जिनके लिए 1977 के दिल्ली एक्ट के नियमों के अनुसार, उनकी लैंड में यह कंडीशन है उन्हें राज्य सरकार से फीस बढ़ाने के संबंध अनुमति लेनी है। 114 स्कूल ऐसे हैं, जिनके लिए दिल्ली सरकार से आदेश लेने की बाध्यता नहीं है। हम पर आरोप लग रहे हैं कि हमने स्कूलों की फीस बढ़ाई है।'
आशीष सूद ने कहा, '1677 स्कूल हैं, आज तक उन अनियमित कॉलोनियों में अपनी निजी जमीन पर स्कूल चालाने वालों के संबंध में कभी आपने सुना है कि शिक्षा क्रांति के जनक (मनीष सिसोदिया) ने बात की है। हम पर आरोप लगाया जा रहा है कि हम दिल्ली की स्कूलों में फीस लगा रहे हैं, दावे किए जा रहे हैं कि हम तो बड़े वकील खड़ा करके केस जीत जाते हैं। 2004 में मॉर्डन स्कूल केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि दिल्ली के कोई भी स्कूल फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय से इजाजत लेगा।'
'AAP ने फीस बढ़ाने के लिए वकीलों की फौज उतारी'
आशीष सूद ने कहा, 'इतने बड़े वकील खड़े किए थे, 2024 में बड़ी कोर्ट का आदेश हाई कोर्ट में हरवाया है, जिसमें आदेश लेकर आए कि निदेशालय से फीस बढ़ाने के संबंध में कोई बाध्यता ही नहीं है। यह कहते हैं कि हमने फीस बढ़ा दी है। मैं चुनौती दे रहा हूं कि जिस स्कूल के बारे में बार-बार बात कर रहे हैं, मनीष सिसोदिया बोल रहे हैं, जिसका मन होता था, फीस बढ़ावाते थे। इसकी जांच मैं करवाऊंगा।'
आशीष सूद ने कहा, 'एल्कॉन इंटरनेशनल की फीस बढ़ाने के आरोप हम पर लग रहे हैं। एल्कॉन इंटरनेशनल का ऑर्डर कहता है कि 14 करोड़ 99 लाख आपने बिना मर्जी के खर्च कर दिए। मुनाफा कमाया और इधर उधर संभाल लिया, स्कूल को उसी साल के स्कूल के ऑर्डर में 15 प्रतिशत फीस बढ़ाने की इजाजत दे दी। यह शिक्षा निदेशायल का आदेश है। 15 करोड़ का घपला करता हुआ स्कूल पकड़ा गया। अब 24-25 में 13 प्रतिशत स्कूल फीस बढ़ा दी।'
आशीष सूद ने कहा, 'तब मुख्यमंत्री आतिशी थीं। एंजल पब्लिक स्कूल की फीस 14 फीसदी तक 2022-23 में बढ़ा दी गई, कोई जांच नहीं कराई गई। सलवान स्कूल की फीस बढ़ाने में 1.66 करोड़ रुपये की धांधली सामने आई। यहां 23.84 फीसदी तक फीस 2023-24 में बढ़ा दी गई। 2024-25 में 14.68 फीसदी तक बढ़ाई गई। लैंसर कॉन्वेंट स्कूल पर भी 4 करोड़ के भ्रष्टाचार की रकम खर्च करने के आरोप लगे, यहां 34 फीसदी तक फीस 2024-25 में बढ़ी। पुरानी सरकार ने कोई जांच नहीं कराई।'
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आशीष सूद ने कहा है, 'सभी 1677 स्कूलों का ऑडिट किया जाएगा, केवल 10 स्कूल ही बीते 10 सालों में समय से ऑडिट प्रक्रिया में हिस्सा लिया है। अब पहली बार एक कमेटी बनाई जाएगी, अगर कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।'
#WATCH | Delhi | Delhi Minister Ashish Sood says, "There are 1,677 private schools in Delhi out of which 335 are on government lands... 114 schools have not been bound to take permission from the state government as per Delhi School Act 1973... We are being blamed for increasing… pic.twitter.com/SC7GZfy83y
— ANI (@ANI) April 7, 2025
AAP ने लगाया बीजेपी पर फीस बढ़ाने के आरोप
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में नई सरकार ने निजी स्कूलों ने मनमानी फीस वृद्धि की है। आतिशी ने कहा कि कई स्कूलों ने बीजेपी के प्रोत्साहन से, बिना उचित निगरानी के अपनी 'ट्यूशन फीस' में मनमानी वृद्धि की। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में भाजपा की सरकार आते ही निजी स्कूलों ने लूट शुरू कर दी है।'
आतिशी ने कहा, 'AAP के कार्यकाल के दौरान स्कूल फीस के लिए कड़े नियम बनाए गए थे। जब हमारी पार्टी 10 साल तक सरकार में थी, तब फीस वृद्धि पर एक सीमा थी। यदि ऑडिट के दौरान कोई विसंगति पाई जाती थी तो स्कूलों को अतिरिक्त राशि वापस करने के लिए कहा जाता था। कई पूर्व छात्रों को उनकी फीस वापस कर दी गई थी। स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होती थी।'
आतिशी ने दावा किया, 'बड़ी संख्या में अभिभावक आप नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। हर दिन हम अलग-अलग स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के बारे में सुन रहे हैं। अभिभावक हमसे संपर्क कर रहे हैं, ईमेल लिख रहे हैं और इसे रोकने का अनुरोध कर रहे हैं। क्यों? क्योंकि वे जानते हैं कि भाजपा सरकार उनकी मदद नहीं करेगी।'
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