logo

ट्रेंडिंग:

'खुद मत मरो, विधायकों को मार दो', किसानों से ऐसा क्यों बोले बच्चू कडू? 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे बच्चू कडू ने किसानों को सलाह दी है कि उन्हें खुद मरने के बजाय विधायकों को मार डालना चाहिए।

bachchu kadu

बच्चू कडू, Photo Credit: Social Media

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का मामला बेहद गंभीर है। लंबे समय से मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या जारी है और रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब पूर्व विधायक बच्चू कडू ने इन किसानों को अजीबोगरीब सलाह दे डाली है। बच्चू कडू ने कहा है कि किसानों को आत्महत्या करने के बजाय विधायकों को मार डालना चाहिए। इस मामले पर तुरंत महाराष्ट्र सरकार के मंत्री संजय शिरसाट की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि बच्चू कडू को किसानों को उकसाना नहीं चाहिए। उन्होंने बच्चू कडू को चुनौती भी दी है कि वह खुद पहले ऐसा करके दिखाएं।

 

प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। वह पूर्व में महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-शिवसेना सरकार में गठबंधन सहयोगी भी रह चुके हैं। अब उन्होंने बुलढाड़ा के पतुदरा गांव में आयोजिक किसान कॉन्फ्रेंस में जो कहा है वह चर्चा और विवाद का विषय बन गया। बच्चू कडू ने मंच से जब ऐसी बातें कहीं तो राष्ट्रीय समाज पक्ष के माधव जानकार भी मंच पर मौजूद थे।

 

यह भी पढ़ें- नामांकन भरने आए RJD उम्मीदवार को झारखंड की पुलिस क्यों पकड़ ले गई?

क्या बोले बच्चू कडू?

 

उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार सुअर की तरह है। हम सुअरों को तो बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन सरकार को नहीं। अपनी जान लेने के बजाय किसानों को चाहिए कि वे विधायकों को मार डालें। किसान इसलिए पीछे छूट गए हैं क्योंकि वे वैचारिक संघर्ष के बजाय जातिगत लड़ाई में फंसे हुए हैं।' बच्चू कडू ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'मौजूदा सरकार ने किसानों को अलग-अलग रंगों जैसे कि भगवा, नीले और हरे में बांट दिया है और किसान बंट गए हैं। किसानों ने डॉ. आंबेडकर, शरद जोशी और खुद मुझे तक चुनाव में हराया है। इसकी वजह है कि हमने जाति की राजनीति नहीं की।'

 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके बच्चू कडू ने आगे कहा, 'जब रैलियां या मोर्चे निकलते हैं तो बहुत भीड़ होती है लेकिन जब किसान कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं तो उनमें भीड़ नहीं आती।'बता दें कि कुछ दिन पहले ही बच्चू कडू ने नागपुर में भूख हड़ताल की थी। बाद में सरकारी डेलिगेशन ने उन्हें आश्वासन दिया तब उन्होंने हड़ताल खत्म की। बच्चू कडू के इस बयान के नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता महेश तापसे ने कहा है कि बच्चू कडू खुद किसान हैं तो उन्हें किसानों को राह दिखानी चाहिए न कि उन्हें हिंसा के लिए उकसाना चाहिए। 

 

यह भी पढ़ें- कर्नाटक के CM के दिवाली समारोह में 10 लोग पड़े बीमार, अस्पताल में हुए भर्ती

'विधायकों के घर के सामने पेशाब करें'

 

बच्चू कडू इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'किसानों को बिना कपड़ों के विधायक के आवास के सामने जाकर बैठना चाहिए और पेशाब करना चाहिए। अगर यह सब किया गया तो सरकार पटरी पर आ जाएगी।’ इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद शिवसेना नेता और मंत्री संजय शिरसाट ने कडू को किसानों को भड़काने के बजाय अपने शब्दों पर अमल करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘क्या बच्चू कडू किसानों को भड़काकर उनके खिलाफ और अपराध दर्ज करवाना चाहते हैं? उन्हें अपनी ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए। किसान पहले से ही संकट में हैं। क्या कडू चाहते हैं कि वे हत्याएं करें?’

 

बताते चलें कि इस बार की बारिश के चलते महाराष्ट्र के किसानों को भयंकर नुकसान हुआ है। इसको लेकर भी विपक्ष लगातार हमलावर है कि किसानों को सरकार की तरफ से मदद नहीं मिल रही है। बाढ़ और जलभराव से प्रभावित 33.65 लाख किसानों की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 3258 करोड़ रुपये के आर्थिक सहायता पैकेज को मंजूरी भी दी है। कुछ दिन पहले ही 1356 करोड़ रुपये के पैकेज को भी मंजूरी दी गई थी। एक अनुमान के मुताबिक, भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र में 68.69 मिलियन हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।

 

महाराष्ट्र के बीड, लातूर, धराशिव, परभणी, नांदेड़ और मराठवाड़ा जैसे जिले इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन्हीं किसानों को राहत पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अक्तूबर महीने की शुरुआत में 31,628 करोड़ के पैकेज का एलान किया था। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap