छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला के अस्पताल में दो नवजात शिशुओं के अदला-बदली से हड़कंप मच गया है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से अब दोनों ही नवजात का डीएनए टेस्ट किया जाएगा जिससे यह तय हो सके कि दोनों के असली मां-बाप कौन है?
दरअसल, 23 जनवरी को शबाना कुरैशी और साधना सिंह ने सर्जरी के जरिए बेटे को जन्म दिया था। शबाना का बेटा सुबह 1 बजकर 25 मिनट पर और साधना का बेटा 1 बजकर 34 मिनट पर हुआ। अस्पताल का नियम होता है कि जब भी नवजात का जन्म होता है तो उसकी पहचान के लिए उसकी कलाई पर एक पहचान टैग लगाया जाता है जिसमें बच्चे की मां का नाम भी लिखा होता है। इसी मामले में अस्पताल से बड़ी गलती हो गई।
8 दिन बाद पता चला की ये बच्चा उनका नहीं
जब डिलीवरी के 8 दिन बाद शबाना बच्चे को घर ले जाने के लिए निकले तो वह हैरान रह गए। परिजनों ने देखा कि नवजात की कलाई पर साधना सिंह का नाम लिखा हुआ था। इसे देख परिजनों ने हंगामा कर दिया और अस्पताल पर सवाल उठाने लगे की कहीं उनका बच्चा बदल तो नहीं गया। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी।
दोनों ही परिजनों ने जन्म के बाद नवजात की फोटो ली थी। जन्म के वक्त खींची गई तस्वीरों में साधना सिंह के पास जो बच्चा है, उसके मुंह के पास काला निशान है। वहीं, शबाना के पास जो बच्चा है उसका रंग ज्यादा गोरा दिख रहा था। यानी शबाना के पास जो बच्चा है वो साधना का है और साधना के पास जो बच्चा है वो शबाना का है।
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पुलिस तक कैसे पहुंचा मामला
इसी को देखते हुए जब डॉक्टरों ने साधना सिंह और उसके पति को बुलाकर बच्चों की अदला-बदली की बात कही तो साधना ने इससे इनकार कर दिया जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। 24 घंटे की मशक्कत के बाद अस्पताल प्रशासन ने फैसला लिया कि दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा जिसके बाद यह तय हो जाएगा की उनका असली माता-पिता कौन है? सवाल है कि क्या पुलिस अस्पताल पर कोई एक्शन लेगी या नहीं।