कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा की शिकायत पर एक वीडियो को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि बाजवा ने 'आप' के ऊपर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के मामले से संबंधित उनके द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में कथित तौर पर छेड़छाड़ करने और फिर इसे वायरल करने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में जालसाजी, मानहानि और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया गया है।
बाजवा ने अपनी शिकायत में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। अधिकारियों ने कहा, 'हाल ही में, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उनकी पत्नी गनीव कौर पंजाब विधानसभा की सदस्य हैं। कानून का घोर उल्लंघन करते हुए, विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारी उनके घर में घुस गए और यहां तक कि उनके बेड रूम में भी चले गए। एक महिला के प्रति ऐसा आचरण अस्वीकार्य और कानून के खिलाफ है।'
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क्या है पूरा मामला?
प्रताप बाजवा ने कहा कि उन्होंने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों की कार्रवाई की आलोचना करते हुए 25 जून की दोपहर 3.13 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तीन मिनट 48 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया था। उन्होंने कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा के प्रति भी इसी तरह के व्यवहार को लेकर बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक्स और फेसबुक पर आप के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से गनीव कौर और एक महिला विधायक के रूप में उनकी स्थिति के संदर्भ को हटाने के लिए उनके वीडियो को एडिट किया गया।
बाजवा ने शिकायत में क्या कहा?
बाजवा ने अपनी शिकायत में कहा, 'वीडियो में यह दिखाने के लिए छेड़छाड़ की गई कि मैं मजीठिया का समर्थन करता हूं। इसके बाद, आप नेताओं ने इन एडिट वीडियो को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट्स पर शेयर करना और सोशल मीडिया पर वायरल करना शुरू कर दिया, ताकि यह संदेश जाए कि मैंने मजीठिया का समर्थन किया, जो जांच के दायरे में हैं।' उन्होंने दावा किया कि वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने एडिटेड वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया और मंत्री अमन अरोड़ा ने भी आप की पंजाब इकाई के फेसबुक पेज पर ऐसा ही किया।
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जानबूझकर प्रतिष्ठा खराब की गई- बाजवा
बाजवा ने आरोप लगाया, 'यह एडिटेड वीडियो जानबूझकर मेरी और कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए वायरल किया गया। मुझे बदनाम किया गया और अभियोजन का सामना कर रहे एक व्यक्ति का समर्थन करने तथा कानून तोड़ने वालों का साथ देने का झूठा आरोप लगाया गया, जबकि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों के आचरण के संबंध में मैंने जो मूल मुद्दा उठाया था, वह पीछे छूट गया।'
उन्होंने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने और जांच की मांग की। बाजवा ने अपनी शिकायत में कहा, 'लोकतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और जनता को गुमराह करने के लिए वीडियो बनाने और छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता। इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि जल्द से जल्द जरूरी कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।'