महाकुंभ के सेक्टर - 19 में मोरी मार्ग पर नए और पुराने रेल पुल के बीच में स्थित अखिल भारतीय धर्म संघ, श्रीकर पात्र धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर का संयुक्त शिविर में रविवार की शाम करीब 4:30 बजे आग लग गई। श्रद्धालु पवन त्रिपाठी के कॉटेज से उठी आग कुछ ही मिनट में विकराल रूप धारण कर लिया। लगभग 5000 स्क्वायर फीट एरिया में बने शिविरों में आग धीरे-धीरे फैलती गई। तेज हवा में इसमें घी का काम किया जब तक फायर ब्रिगेड और उससे संबंधित अन्य विभाग पहुंचते आग की भयंकर ऊंची लपटें रेलवे पुल तक लपक रही थी। गीता प्रेस के संचालक ने आशंका जताई है कि इस घटना के पीछे कोई साजिश हो सकती है।
जहां आग लगी थी उससे कुछ ही किलोमीटर दूर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी काफिले के साथ मौजूद थे। फायर ब्रिगेड, पुलिस और आपदा प्रबंधन से सभी विभागों ने अपनी पूरी क्षमता लगाकर करीब एक घंटे की कड़ी में मशक्कत से आग पर काबू पा लिया। आग की घटना से करीब 180 कॉटेज पूरी तरह से जल के खत्म हो गए करोड़ों का नुकसान हुआ, पचासों श्रद्धालुओं और कर्मचारियों के उपयोग के जरूरी सामान ,कपड़े मोबाइल आदि जल गए। करोड़ों का नुकसान हुआ लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई, आग बुझाने और बचने के उपक्रम में कुछ लोग झुलस गए तो कुछ को मामूली चोट आई।
वहीं इस भयंकर आग में भी ठाकुर जी की कुटिया और करोड़ों के धर्म ग्रंथ जो गोरखपुर से एक दिन पहले ही आए थे वे पूरी तरह से सुरक्षित बच गए। इसको इत्तेफाक समझे या कोई चमत्कार या चर्चा का विषय बना हुआ है।
साजिश की आशंका?
वहीं दूसरी तरफ गीता प्रेस गोरखपुर के संचालक कृष्ण कुमार खेमका ने मीडिया के सामने बड़ा बयान देखकर आग की घटना में किसी बड़ी साजिश का हाथ होना बताया है। मीडिया से बात करते हुए कृष्ण कुमार खेमका ने कहा, 'महाकुंभ में अखिल भारतीय धर्म संघ और गीता प्रेस का संयुक्त रूप से बना हुआ है। हम लोगों के लगभग 180 कॉटेज बने हुए थे। हमने बहुत सावधानी से बनाया है। सभी से कहा गया है कि आग का कोई काम न करें। ऐसा ही हो भी रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'पश्चिम की ओर जहां हमने बाउंड्री लगाई है, उसे सर्कुलेटिंग एरिया घोषित किया गया था। फिर पता नहीं मेला प्रशासन ने किसको दे दिया। उस तरफ से अग्नि की कोई चीज हमारे इस तरफ आई। इसके बाद धीरे-धीरे भड़कते हुए हमारे सारे कॉटेज खत्म हो गए। कुछ भी नहीं बचा। भगवान की कृपा से कोई जान की हानि नहीं हुई है। हां, करोड़ों का माल गया है, अलग बात है। ठाकुर जी की कुटिया, मेरी झोपड़ीऔर गोदाम में रखा करोड़ों का धर्मग्रंथ सुरक्षित है।' सिलेंडर में ब्लास्ट की बात पर उन्होंने कहा कि हमारी टिन शेड की रसोई थी, एकदम पक्की बनी थी, जब आग लगी तो सभी भागे, इसके बाद जो हुआ सभी के सामने है।
क्या-क्या हुआ?
मिली जानकारी के अनुसार घटना में तीन श्रद्धालु झुलसे हैं, जिनमें हरियाणा के नीरज कुमार उम्र 27 वर्ष, सिलीगुड़ी के पद्मा सूत्रधार ,और रमेश तिवारी उम्र निवासी कुंडा प्रतापगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा जसप्रीत व एक बुजुर्ग भगदड़ में जख्मी हो गए थे। सभी को अस्पताल भेजा गया है। मौके पर एडीजी, डीआईजी, एसएसपी डीएम समेत तमाम आला अफसर पहुंचकर बचाव कार्य में लगे रहे।
प्रशासनिक रूप से अभी तक सम्पूर्ण नुकसान की जानकारी और आग लगने के कारण की अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालात काबू होने के बाद मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ भी तीन मंत्रियों संग मौके पर पहुंचे थे। मेला प्रशासन ने अभी तक 40 झोपड़ियां व छह टेंट जलने की बात कही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग से लगभग पूरा घेरा एरिया जिसमें करीब 180 कॉटेज बने थे सब जल गए, पांच बाइकें व पांच लाख नगदी भी जल गई। कॉटेज में रखे करीब एलपीजी सिलिंडर भी धीरे धीरे कर फटे। इसकी आवाज और आग के शोले दूर तक सुनाइए और दिखाई पड़े। जिससे आग और तेजी से भड़की। फिलहाल पीड़ित का बयान और आग लगने की घटना नुकसान और अन्य कर्ण की जांच जारी है जल्दी ही प्रशासन द्वारा इस पर सही स्थिति स्पष्ट की जाएगी।