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दिल्ली-एनसीआर में और ज्यादा जहरीली हुई हवा, GRAP-4 लागू

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है। एक-दो दिन में थोड़ा सुधार होने की संभावना है।

Delhi Pollution

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: PTI

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दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है। इस वजह से एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के स्टेज-4 के सभी नियमों को पूरे नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में तुरंत लागू करने का फैसला किया है।

 

ग्रैप का स्टेज-4 तब शुरू होता है जब दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 450 से ऊपर चला जाता है। इसे 'सीवियर प्लस' कैटेगरी कहा जाता है। शनिवार शाम 7 बजे तक दिल्ली का एक्यूआई 448 दर्ज किया गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, इससे एक दिन पहले दोपहर 4 बजे तक 24 घंटे का औसत एक्यूआई 349 था, जो 'वेरी पुअर' कैटेगरी में था।

 

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सुधार की संभावना

एयर क्वॉलिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (एक्यूईडब्ल्यूएस) की भविष्यवाणी के मुताबिक, रविवार को हवा की गुणवत्ता 'सीवियर' कैटेगरी में रह सकती है, लेकिन सोमवार से यह थोड़ा सुधर कर 'वेरी पुअर' कैटेगरी में आ सकती है।

 

ग्रैप में हाल ही में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब सख्त नियम पहले ही लागू हो जाते हैं, ताकि प्रदूषण ज्यादा न बढ़े। नए नियमों के अनुसार, स्टेज-4 के कुछ उपाय अब स्टेज-3 में ही शुरू हो जाते हैं। इससे सरकारी, नगर निगम और प्राइवेट ऑफिसों में सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम करेंगे, और केंद्र सरकार के ऑफिस घर से काम करने पर स्विच कर सकते हैं, जब एक्यूआई 301 से 400 के बीच पहुंचे। पहले यह नियम तब लागू होता था जब एक्यूआई 450 से ऊपर जाता था।

 

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प्रशासन गंभीर

इसी तरह, स्टेज-3 के नियम अब स्टेज-2 में लागू होंगे। यानी सरकारी ऑफिसों के समय अलग-अलग करने का नियम तब शुरू होगा जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच हो।

 

इसके अलावा, स्टेज-2 के कुछ उपाय अब स्टेज-1 में ही लागू हो जाते हैं। जैसे बिना रुकावट बिजली सप्लाई का नियम, ताकि डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल कम हो, अब एक्यूआई 101 से 200 के बीच ही शुरू हो जाएगा। ये बदलाव प्रदूषण को जल्दी कंट्रोल करने के लिए किए गए हैं।

GRAP-4 के तहत किसक पर रोक?

  • सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियां, जिसमें मिट्टी का काम, खुदाई, पाइलिंग और इन्फ्रा से जुड़े कार्य शामिल हैं
  • पत्थर क्रशर, ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट और खनन गतिविधियों का संचालन
  • कोयला, फर्नेस ऑयल या अन्य अनुमोदित ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योग
  • दिल्ली में सभी डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों का प्रवेश, सिवाय आवश्यक वस्तुएं ले जाने वालों के
  • बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल चार-पहिया वाहनों का संचालन
  • गैर-आवश्यक अंतर-राज्यीय डीजल बसें जो बीएस-VI, इलेक्ट्रिक या सीएनजी न हों
  • अन्य प्रतिबंध के अंतर्गत सिवाय आपातकालीन सेवाओं के डीजल जनरेटर सेट का उपयोग
  • किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा जलाना, जिसमें बायोमास शामिल हैं
  • कोई भी गतिविधि जो धूल या उत्सर्जन बढ़ा सकती हो

क्या कर सकते हैं?

  • आवश्यक सेवाओं से संबंधित निर्माण जैसे मेट्रो, रेलवे, हवाई अड्डे, राजमार्ग, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता
  • सख्त धूल नियंत्रण उपायों के साथ आपातकालीन मरम्मत और रखरखाव कार्य
  • इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी वाहन और बीएस-VI अनुपालन वाहन
  • सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, जिसमें बसें और मेट्रो शामिल हैं
  • विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहन
  • स्कूल कम उम्र के छात्रों के लिए विशेष रूप से ऑनलाइन या हाइब्रिड कक्षाओं में स्थानांतरित हो सकते हैं
  • कार्यालय कर्मचारियों की संख्या कम कर सकते हैं और घर से काम को प्रोत्साहित कर सकते हैं
  • आपातकालीन सेवाएं
  • बिजली आपूर्ति करने वाली बिजली उत्पादन इकाइयां
  • अस्पतालों, डेटा सेंटरों, दूरसंचार सेवाओं और आपातकालीन स्थितियों के लिए डीजल जेनरेटर का उपयोग

 


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