अगर गुजरात में शराब बरामद हुई तो शराब की कीमत पर 65 प्रतिशत वैस्यू एडेड टैक्स (VAT) भी सरकार जोड़ेगी। अगर पुलिस किसी के पास कोई बोतल बरामद करती है तो उस पर 65 प्रतिशत वैट देना होगा। सरकार स्पेशल फीस भी जोड़ रही है, जिससे बरामद की गई शराब की कीमत ज्यादा महंगी आंकी जा सके। शराब के कई ब्रांड के नाम के साथ चार्ट स्पेशल फीस के लिए तैयार किया गया है। वैट प्रतिशत 65 प्रतिशत तय कर दिया गया है। नई शराब नीति लागू हो गई है।
गुजरात में दशकों से शराबबंदी लागू है। अगर तक कभी भी राज्य में शराब की कीमत पर कोई स्पेशल फीस या वैट नहीं जोड़ा जाता था, अब शराब बंदी की नई नीति के केस में राज्य के गृह विभाग, नशाबंदी, आबकारी विभाग स्पेशल फीस और वैट वसूली का नियम रखा गया है।
जुलाई 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स व्यवस्था अपनाए जाने के बाद राज्य में कुछ ही जगहों पर वैट वसूला जाता है। लिक्विड, एविशन फ्यूल और पेट्रोल-डीजल जैसी चीजें शामिल हैं।
नए नियम क्या हैं?
2.50 लाख इससे ज्यादा रुपये की कीमत की शराब होने की स्थिति में संबंधित थाने के पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा सकेगी। अभी तक यह राशि 25 हजार रुपये थी। इसे क्वालिटी केस कहा जाता था। क्वालिटी केस की सीमा और ज्यादा राशि की बरामदगी के मामले में इंस्पेक्टर के शामिल होने की आशंका मानकर ऐक्शन लिया जा सकता है।
स्पेशल फीस और वैट लगाने से फायदा क्या होगा?
अवैध तौर पर शराब का धंधा करने वाले ब्रांड के मुताबिक महंगी दरों पर अपना नेटवर्क ऑपरेट करते हैं। पुलिस पुरानी दरों पर ही केस दर्ज करती है। नई दर और वैट ऐड होने से बाजार कीमत तय की जा सकेगी। अवैध शराब के तस्करों पर ऐक्शन लिया जा सकेगा। थाना अधिकारी पर भी गाज गिर सकेगी।