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राजद्रोह, तोड़फोड़...किन-किन मामलों में हार्दिक पटेल को मिली राहत

बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने राजद्रोह के मामले वापस लेने संबंधी गुजरात सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है।

Hardik Patel

हार्दिक पटेल, Photo Credit: PTI

गुजरात के भारतीय जनता पार्टी के विधायक हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिली है। अहमदाबाद सिटी सिविल और सेशन कोर्ट ने हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले वापस लेने संबंधी गुजरात सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है। एडिशनल सेशन जज मनीष पुरोहित ने दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत शनिवार को इस संबंध में दो आदेश पारित किए।

 

इस मामले में कोर्ट ने हार्दिक पटेल, दिनेश बंभानिया, चिराग पटेल, केतन पटेल और अल्पेश कठेरिया को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इन सभी पर 2015 में पाटीदार या पटेल समुदाय के सदस्यों को ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए आंदोलन करने के लिए उकसाने की साजिश रचने का आरोप लगा था।

 

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गुजरात सरकार ने दी थी राहत

इससे पहले राज्य सरकार ने भी हार्दिक पटेल समेत 4 लोगों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह में मामले को वापस ले लिया है। हार्दिक पटेल ने सोशल मीडिया की एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को धन्यवाद किया। 

इन धाराओं पर दर्ज हुआ था केस

बता दें कि हार्दिक पटेल सहित 4 लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 121 (भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना या युद्ध छेड़ने का प्रयास करना, या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना), 121ए (धारा 121 के अंतर्गत दंडनीय अपराध करने का षडयंत्र), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, तथा सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और 153बी (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप लगाना, दावे करना) के तहत आरोप लगाए गए थे। बता दें कि 2015 के पाटीदार आंदोलन में करीब 300 मामले दर्ज किए गए थे। 

 

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किन-किन मामलों में मिली हार्दिक पटेल को राहत

नवंबर 2022 में, गुजरात हाई कोर्ट ने हार्दिक पटेल को 2015 में भाजपा नेता ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ से संबंधित मामले में भी राहत दी थी। इसके अलावा आंदोलन के दौरान हार्दिक पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था। कई मामलों में कोर्ट ने हार्दिक पटेल को जमानत दी या केस खत्म कर दिया गया। 2015 में पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पर बस जलाने और हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। हालांकि, कोर्ट ने पर्याप्त सबूत न मिलने पर हार्दिक पटेल को बरी कर दिया। 2017 में उन पर चुनाव से पहले आचार संहिता उल्लंघन करने का आरोप लगा लेकिन कोर्ट ने मामूली अपराध मानते हुए मामला खारिज कर दिया।

 

बता दें कि हार्दिक पटेल को अब तक राजद्रोह, हिंसा, तोड़फोड़ और आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों में राहत मिल चुकी है। खासकर गुजरात सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज कई केस वापस ले लिए हैं, जिससे उनके राजनीतिक करियर को मजबूती मिली है।

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