logo

ट्रेंडिंग:

स्लीपर हो या AC कोच, TTE को पैसा देकर बैठ रहे यात्री, हो गया भंडाफोड़

ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना कानूनी जुर्म है। अगर TTE आपसे जुर्माना ले और रसीद न दे तो आप भी उसके साथ जुर्म में शामिल हो रहे हैं।

TTE Scam

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Meta AI)

ट्रेन में कई बार ऐसा होता है कि लोग टिकट नहीं ले पाते हैं। सोचते हैं कि ट्रेन में जाएंगे तो फाइन कटाकर टिकट ले लेंगे। टीटीई जुर्माना काटने की जगह जुर्माने से कुछ कम पैसे लेकर कोई सीट अलॉट कर देते हैं। नियम यह कहता है कि उसे जुर्माने की रसीद मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है। ऐसे ही लोगों को हरियाणा में उत्तर रेलवे की विजिलेंस टीम ने सबक सिखाया है। 

उत्तर रेलवे के 6 टीटीई पर धांधली के आरोप लगे हैं। वे यात्रियों से पैसे लेकर उन्हें बिना टिकट यात्रा कराते थे। सभी टीटीई अंबाला मंडल के हैं। तलाशी के दौरान विजिलेंस टीम ने उनके पास से 24 हजार से ज्यादा कैश बरामद किया है। 

विजिलेंस टीम ने 9 ऐसे यात्रियों को पकड़ा है, जिनके पास टिकट नहीं था। उन पर भी करीब 5 हजार रुपये का जुर्माना ठोका गया है। बनारस से जम्मू-तवी जा रही ट्रेनों पर विजिलेंस टीम ने औचक चेकिंग की तो यह बातें सामने आईं। चेकिंग स्टाफ की एक्सेस फेयर टिकट को सील कर कब्जे में लिया गया है। 

उत्तर रेलवे के अधिकारियों की ओर से अब पकड़े गए टीटीई के खिलाफ अंबाला मंडल को चार्जशीट भेजी जाएगी। अंबाला मंडल कार्यालय भी टीटीई से पूछताछ करेगा। कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन हो सकता है।

कैसे पकड़े गए टीटीई?
दरअसल जनरल टिकट पर स्लीपर की यात्रा कराने की शिकायत रेलवे प्रशासन को कई दिनों से मिल रही थी। उत्तर रेलवे ने इस पर एक विजिलेंस टीम गठित कर दी। मध्य प्रदेश के जबलपुर से जम्मूतवी जाने वाली ट्रेन संख्या 11449 में छापेमारी की गई तो पता चला कि टीटीई ही लोगों को अवैध तरीके से ट्रेन में चढ़ा रहे हैं। 

ट्रेन में विजिलेंस टीम पहुंची तो टिकट चेकिंग स्टाफ से ईएफटी कब्जे में ले ली। यात्रियों के टिकटों की जांच हुई तो असलियत सामने आई। 9 यात्रियों ने टीटीई को पैसे दिए थे लेकिन रसीद नहीं काटी गई थी। यात्रों से विजिलेंस टीम ने 5 हजार रुपये जुर्माने के तौर पर लिया। तीन टीटीई से चेकिंग के दौरान 24 हजार रुपये बरामद हुए। 

कैसे रेलवे में चल रहा था धंधा?
ये ट्रेनें बनारस से जम्मूतवी के लिए थीं। इतने लॉन्ग रूट पर लोग बड़ी संख्या में आवाजाही करते हैं। कुछ लोगों को टिकट नहीं मिल पाता तो वे जनरल टिकट लेकर ही ट्रेन में चढ़ जाते हैं। जुर्माना ज्यादा लगता है तो इससे बचने के लिए टीटी को घूस देकर ही सीट ले लेते हैं। टीटीई भी रसीद नहीं काटता है। टीटीई रसीद काटते हुए वक्त यह कहता है कि अगर सीट चाहिए तो रसीद मत कटवाओ, वरना बैठे ही रह जाओगे। अगर मुझे पैसे दोगे तो सीट मिल जाएगी। आम आदमी आराम के लिए रसीद नहीं लेता है, घूस दे देता है। कई टीटीई इसी तरीके से कमाई करते हैं। यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है, इसमें नौकरी जा सकती है और जेल भी हो सकती है।

Related Topic:

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap