हरियाणा में कुछ पैसों और जेवर की लालच में आकर बिचौलियों ने 3 युवतियों की शादी समलैंगिक दूल्हों से करा दी है। लड़कियां हरियाणा के अलग-अलग इलाकों की रहने वाली हैं। जब वे शादी करके ससुराल पहुंची तो पता चला कि दूल्हा तो समलैंगिक है।
लड़कियों ने जब दूल्हे के घरवालों से शिकायत की उनका पति समलैंगिक है तो उनके साथ बदसलूकी की गई। नवविवाहित लड़कियों ने महिला आयोग से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई है और कड़े एक्शन की मांग की है।
शादी करके डंकी रूट से 21 दूल्हे फरार
महिला आयोग के पास करीब 21 ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लड़कों ने शादी तो कर लेकिन विदेश भाग गए। उन्होंने शादी के बाद पत्नियों को छोड़ दिया और मुड़कर दोबारा भारत नहीं लौटे। महिला आयोग से इन युवतियों ने अपील की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए। पत्नियों की मांग है कि विदेश भागे दूल्हों के प्रत्यपर्ण के लिए सरकार कुछ करे।
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महिला आयोग ने क्या उठाए कदम?
महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने भी मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है कि समलैंगिक दूल्हों पर ही नहीं बल्कि बिचौलियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने जानते हुए ऐसी शादियां कराई हैं। रेणु भाटिया ने कहा है कि 2 समलैंगिक दूल्हे ऐसे हैं जो अपनी पत्नियों को छोड़ने के लिए भी नहीं तैयार हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों ने पति से अलग होने की कोशिश की तो उन्हें प्रताड़ित किया गया।
कोई बनी मां, कोई गर्भवती, बेसहारा हुई दुलहनें!
एक महीने में हरियाणा महिला आयोग के पास 21 ऐसे केस पहुंचे हैं, जिनमें शादी के बाद दूल्हे विदेश फरार हो गए हैं। वे डंकी रूट के जरिए विदेश भाग गए हैं। कई लड़कियां गर्भवती भी हैं, कुछ ने बच्चों को जन्म दिया है। वे कई साल से अपने पति के लौटने का इंतजार कर रही हैं।
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महिलाओं क्या चाहती हैं?
जिन महिलाओं के पति फरार हैं, वे चाहती हैं कि सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए विदेश पर दबाव बनाए। कुछ महिलाएं अधेड़ उम्र की भी हैं, जिनके बच्चे भी 19 से 20 साल के हो गए हैं। शादी के बाद उनके पति विदेश में दूसरी शादी करके ठहर गए हैं।
ऐसे मामलों में अधिकतम क्या हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रुपाली पंवार बताती हैं कि ऐसे मामलों का निपटारा कोर्ट में ही हो सकता है। परिवारिक विवादों में आमतौर पर प्रत्यपर्ण नहीं हो पाता है। वे भारत आने पर गिरफ्तार हो सकते हैं, उनके खिलाफ आपराधिक और सिविल केस चल सकते हैं, उन्हें मेंटिनेंस देना पड़ सकता है। ऐसा तभी हो सकता है, जब वे भारत आएं। अगर ये दूल्हे डंकी रूट से भागे हैं तो उनकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं की जा सकती है। सिविल के मामले ऐसे नहीं होते हैं कि जिनमें किसी को इंटरपोल से नोटिक जारी किया जा सके, उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत लाया जाए।