logo

ट्रेंडिंग:

DIG और SP से छोटे अफसर मीडिया से नहीं करेंगे बात, हिमाचल में आया नया फरमान

हिमाचल प्रदेश के डीजीपी ने एक ऑर्डर में कहा है कि DIG-SP रैंक के नीचे के पुलिस अधिकारी मीडिया से आधिकारिक विषयों पर बात नहीं कर सकेंगे।

Himachal DGP order

डीजीपी अशोक तिवारी। Photo Credit- Social Media

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

हिमाचल प्रदेश के डीजीपी अशोक तिवारी ने एक ऑर्डर जारी करके कहा है कि अब से जिलों के SP और रेंज में DIG ही मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत होंगे। इस रैंक से नीचे के पुलिस अधिकारियों पर मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। इसको लेकर डीजीपी ऑफिस से सर्कुलर जारी किया गया है। इस ऑर्डर को पत्रकारों ने लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया है।

 

दरअसल, डीजीपी ने पुलिस कर्मचारियों को मीडिया से बात ना करने के आदेश देते हुए कहा कि जिन्हें अधिकृत किया जाएगा। कहा कि यह ऑर्डर लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना के खिलाफ है। साथ ही पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या कोई अधिकारी इमरजेंसी के समय, जब कोई बड़ी घटना हो, 50 से ज्यादा कॉल अटेंड कर पाएगा?

 

यह भी पढ़ें: कोई देख न पाए बीवी की चेहरा, 18 साल तक नहीं बनवाया आधार कार्ड, फिर ले ली जान

डीजीपी ऑफिस के बयान में क्या है?

गुरुवार देर शाम डीजीपी ऑफिस ने बयान जारी करके लिखा कि कई इलाकों में डीएसपी और थाना प्रभारी अधिकारी विभिन्न विषयों पर मीडिया से बातचीत करते हैं। इसमें नई तैनाती पर कार्यभार ग्रहण करते समय सार्वजनिक बयान दिए जा रहे हैं। इस दौरान अपराध, जांच और अन्य पुलिसिंग से संबंधित विषयों पर बयान दिए जा रहे हैं।

 

इस ऑर्डर में में साफ कहा गया है कि 'सिर्फ जिले के SP और रेंज के DIG ही अपराध, कानून एवं व्यवस्था, जांच, पुलिसिंग पॉलिसी और दूसरे आधिकारिक मामलों पर मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत हैं। अगर कहीं पर जरूरी होगा तो पुलिस मुख्यालय से मंजूरी के बाद बात की जा सकती है।'

 

यह भी पढ़ें: 'किराया नहीं दिया तो थप्पड़ मारा', किराएदार ने बताई मकान मालकिन के मर्डर की वजह

लिखित में किए जाएंगे अधिकृत

निर्देश में आगे कहा गया है कि 'SDPO और SHO समेत बाकी सभी अधिकारी अपनी आधिकारिक क्षमता में मीडिया से बात नहीं करेंगे, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर बयान या कमेंट नहीं करेंगे, या आधिकारिक मामलों पर इंटरव्यू, प्रेस ब्रीफिग या प्रतिक्रिया नहीं देंगे, जब तक कि सीनियर अथॉरिटी से लिखित में अधिकृत न किया जाए।'

 

डीजीपी ने कहा कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 नियम 7, सरकारी कर्मचारियों को सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना मीडिया और जनता को कोई बयान देने, सूचना जारी करने पर प्रतिबंध लगता है और हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम, 2007 धारा 29 के तहत निर्धारित आचरण के अनुपालन करना अनिवार्य है।

 

डीजीपी ने कहा कि सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि इन निर्देशों का हर स्तर पर सख्ती से पालन किया जाए। अगर कोई उल्लंघन करता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap