साल 2023 में बरेली के हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद पर एक महिला यात्री से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। मामला जीआरपी थाने तक पहुंचा और जांच के बाद तत्कालीन महानिरीक्षक (आईजी) राकेश सिंह ने तौफीक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। ऐसे में तौफिक ने आईजी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में जिस वकील ने तौफिक का केस लड़कर उनकी नौकरी वापस दिलाई है वह कोई और नहीं आईजी राकेश सिंह की बेटी हैं।
हैरानी की बात यह थी कि तौफीक को यह पता ही भी नहीं था कि जो वकील उनका केस लड़ रही हैं, वह उसी आईजी की बेटी हैं, जिन्होंने उन्हें बर्खास्त किया था। रिटायर्ड आईजी राकेश सिंह की बेटी अनुरा सिंह ने अपनी दलील में विभागीय जांच में तकनीकी कमियों को उजागर करते हुए तौफिक को उनकी नौकरी वापस दिलावाई है।
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क्या है पूरा मामला?
मामला यह था कि पीलीभीत की एक लड़की ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 12 जनवरी 2023 को वह त्रिवेणी एक्सप्रेस के कोच नंबर S-7 में बरेली आ रही थी। 13 जनवरी को दोपहर 2:11 बजे ट्रेन बरेली जंक्शन पहुंची। ज्यादातर यात्री वहां उतर गए थे, तभी कांस्टेबल तौफीक कोच में आए, लड़की के पास बैठ गए और ट्रेन चलने के बाद छेड़छाड़ करने लगे। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राकेश सिंह ने आरोपों को गंभीर मानते हुए तौफीक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
तौफीक ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां अनुरा सिंह ने उनके पक्ष में पैरवी की। उन्होंने दलील दी कि विभागीय जांच में बड़ी तकनीकी गलती हुई है। जांच अधिकारी ने खुद ही आरोप साबित करने के साथ-साथ सजा की सिफारिश भी कर दी, जबकि नियमों के अनुसार, यह अधिकार केवल अनुशासनात्मक अधिकारी को है।
कोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने अनुरा की दलील पर सहमति जताई और बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया। साथ ही तौफीक को नौकरी पर बहाल करने का आदेश दिया गया है लेकिन तीन महीने में नए सिरे से जांच पूरी करने को भी कहा गया है। अनुरा ने कहा, 'मैंने एक वकील के तौर पर काम किया और मेरे पिता ने सरकारी अधिकारी के रूप में। कोर्ट में व्यक्तिगत रिश्तों से ऊपर कानून होता है।'
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बेटी की जीत पर क्या बोले राकेश सिंह?
पू्र्व आईजी राकेश सिंह ने अपनी बेटी की जीत पर कहा, 'एक पिता के लिए बेटी की जीत बड़ी खुशी की बात है। शायद पुलिस की जांच प्रक्रिया में कुछ कमी रह गई होगी।' तौफीक ने भी आभार जताते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके वकील और आईजी के बीच बाप-बेटी का रिश्ता है।