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IPS पूरन केस: 'खुदकुशी, दबाव, अफसरशाही,' मुद्दे जिन पर HC में पड़ी जनहित याचिका

IPS पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में अब CBI जांच की मांग हो रही है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने इस केस में अहम टिप्पणी की है।

IPS Puran Kumar

IPS पूरन कुमार। (Photo Credit: PTI)

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की खुदकुशी मामले की CBI जांच के लिए एक जनहित याचिका दायर हुई है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से सवाल किया कि किन परिस्थितियों की वजह से यह जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जा सकती है। हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से सुप्रीम कोर्ट के तय दिशानिर्देशों और फैसलों का हवाला देने के लिए कहा है। कोर्ट ने अभी सुनवाई टाल दी है। 

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता नवनीत कुमार ने यह तर्क दिया कि इस केस की जांच कर रहे अधिकारी ने खुदकुशी कर ली है। समाज के लिए यह झकझोरने वाला फैसला है। याचिकाकर्ता ने कहा कि जब सीनियर अधिकारी खुदकुशी कर रहे हैं, दर्जनों IAS और IPS अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लग रहे हैं तो यह मामला गंभीर है, इसकी जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को करनी चाहिए।

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क्यों दायर हुई है जनहित याचिका?

याचिकाकर्ता ने कहा कि जांच केवल प्रत्यक्ष वजहों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, यह भी पड़ताल होनी चाहिए कि किस माहौल में अधिकारी काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों की ओर से किस तरह के भेदभाव हो रहे हैं, सीनियर अधिकारी कैसे प्रताड़ित करते हैं, भ्रष्टाचार कितना शामिल है, इसकी भी जांच होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जांच करने वाले अधिकारी ने भी खुदकुशी कर ली, इसलिए इसकी CBI जांच जरूरी है।

मुद्दे जो कोर्ट को भी खटक सकते हैं

चीफ जस्टिस नागू ने इन दलीलों को सुनने के बाद सवाल किया कि इस मामले में ऐसा क्या असाधारण है कि जांच सीबीआई को सौंपी जाए? सुप्रीम कोर्ट के कौन-कौन से फैसले इस प्रकरण में लागू हो रहे हैं। हर केस में जांच ट्रांसफर नहीं की जा सकती है। जज के इस जवाब पर वकील ने कहा कि मृतक अधिकारी के खिलाफ जांच कर रहे एक अन्य अधिकारी ने हरियाणा में आत्महत्या कर ली थी, जबकि जांच चंडीगढ़ में चल रही है। 

याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा है कि कई आरोपी अधिकारी अपने जिलों में तैनात हैं। राज्य पुलिस की निष्पक्षता पर इसी वजह से सवाल उठ रहे हैं। सरकार की ओर से पेश वकील ने इस मामले में याचिकाकर्ता के व्यक्तिगत हित पर सवाल उठाया गया। सरकारी वकील ने सवाल किया कि आप किस अधिकार से यह याचिका दायर कर रहे हैं।

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केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि आईपीएस पूरन कुमार की खुदकुशी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। इसकी अगुवाई आईजी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी कर रहे हैं। इसमें तीन अन्य आईपीएस अधिकारी और तीन डीएसपी शामिल हैं। कुल 14 सदस्यीय टीम हर दिन तकनीकी आधार पर जांच कर रही है।

 

सरकारी वकील ने यह दलील दी कि FIR 9 अक्टूबर को दर्ज हुई थी, जबकि याचिका 13 अक्टूबर को दायर की गई। चीफ जस्टिस ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि जब आप तैयार नहीं थे तो दलीलें शुरू ही क्यों कीं? आपको पहले ही बताना चाहिए था कि अगर आप तैयार नहीं हैं। अब यह बताइए कि किन परिस्थितियों में CBI जांच की सिफारिश की जा सकती है। 

केस की अहम बातें, जिन पर सवाल उठ रहे हैं 

IPS अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र किया है, उन पर सख्त कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है लेकिन दिवंगत अधिकारी के परिवार पर ही FIR हो गई है। हरियाणा पुलिस ने मृतक अधिकारी की पत्नी IAS अधिकारी अमनीत पी कुमार, उनके भाई और पंजाब के विधायक अमित रतन और दो अन्य के खिलाफ ASI संदीप लाठर की खुदकुशी मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक साजिश रचने के मामले में केस दर्ज किया है। जांच की प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठे हैं। यह भी कहा गया है कि जिस रैंक के अधिकारी को जांच करनी थी, उससे कम रैंक के अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। 

IPS पूरन कुमार केस में अब तक क्या हुआ है?

हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार की लाश 7 अक्टूबर 2025 को देखी गई थी। उन्हें उनके चंडीगढ़ आवास पर मृत पाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत का कारण खुदकुशी ही बताया गया है। उनके घर से एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें हरियाणा के पूर्व DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक के SP नरेंद्र बिजारनिया सहित 8 वरिष्ठ अधिकारी और IAS-अफसरों के नाम थे। इस सुसाइड नोट में जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और करियर बर्बाद करने की साजिश का आरोप लगाया गया था। परिवार ने आठ दिन तक पोस्टमार्टम करवाने से इनकार किया और मांग रखी कि नामजद अफसरों की गिरफ्तारी के बिना न पोस्टमार्टम होगा, न अंतिम संस्कार। मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा तो जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पीड़ित परिवार से मिले और न्याय की मांग की है।

अब तक इस केस में जो हुआ है, एक नजर-

  • DGP शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेजा गया, रोहतक के SP का ट्रांसफर कर दिया गया।
  • SIT पूरन कुमार की मौत और उनके लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है।
  • 14 अक्टूबर को रोहतक साइबर सेल में तैनात ASI संदीप ने भी गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।
  • सुसाइड नोट और वीडियो में पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार, परिवार में राजनीतिक प्रभाव और उत्पीड़न से जुड़े गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • ASI संदीप की पत्नी की शिकायत पर पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत कुमार सहित 3 अन्य पर FIR दर्ज हुई है। दोनों आत्महत्याओं को जोड़कर SIT जांच कर रही है।
  • IPS पूरन कुमार के परिवार ने अस्थि विसर्जन और अंतिम संस्कार कर दिया है लेकिन अभी जांच की मांग कर रहे हैं। 
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