मथुरा जेल में बंद कैदियों में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाने के लिए एक अनोखी पहल की गई। जेल प्रशासन ने पहली बार कैदियों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया, जिसका नाम 'जेल प्रीमियर लीग (JPL) रखा गया था। यह आयोजन IPL के ही तर्ज पर किया गया, जिसमें बंदियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।
जेल अधीक्षक अंशुमान गर्ग ने बताया कि इस प्रतियोगिता का मकसद कैदियों की प्रतिभा को निखारना, उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाना और उन्हें तनाव से राहत देना था। उन्होंने कहा, 'इस मैच का उद्देश्य चारदीवारी से घिरी जीवन में कुछ आज की आजादी का अहसास दिलाना हमारा उद्देश्य है। ये सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि आशा और आत्मविश्वास की जीत है।'
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IPL की तरह दिए गए पर्पल और ऑरेंज कैप
इस लीग की शुरुआत अप्रैल 2025 में की गई। इस लीग में 8 टीमों का चयन जेल की अलग-अलग बैरकों से किया गया। इन टीमों को दो ग्रुप- ग्रुप A और ग्रुप B में बांटा गया और हर ग्रुप में 4-4 टीमें थीं। टूर्नामेंट में 12 लीग मैच, 2 सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकाबला खेला गया। फाइनल मैच नाइट राइडर्स और कैपिटल्स टीम के बीच खेला गया, जिसमें नाइट राइडर्स ने जीत हासिल की।
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मथुरा जेल में बंद कौशल नाम के कैदी को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया। वहीं पंकज को ‘पर्पल कैप’ और भूरा को ‘ऑरेंज कैप’ दी गई। इसके साथ इस मैच का मुख्य उद्देश्य यह भी था कि कैदियों के मानसिक तनाव को कम किया जा सके और सेहत में सुधार लाया जा सके।