नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे चरण के लिए प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की योजना तैयार कर ली है। इस योजना के तहत जेवर के आठ गांवों को वहां से हटाया जाएगा और इन आठ गांवों में रहने वाले लोगों को नई जगह बसाया जाएगा। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे और जेवर-खुर्जा रोड के पास एक टाउनशिप बनाई जाएगी। इस टाउनशिप में सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी। प्रशासन लोगों को नई टाउनशिप में बसाने की तैयारियों में जुट गया है।
जिन परिवारों को वहां से हटाया जाएगा उन परिवारों को बसाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड के किनारे जेवर खुर्जा रोड और पलवल खुर्जा एक्सप्रेसवे के बीच 437 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा। इसी जमीन पर लोगों को बसाने के लिए एक नई टाउनशिप बनाई जाएगी। इन परिवारों को विस्थापित करने में कोई परेशानी ना हो इसके लिए प्रशासन सभी संभव कोशिशें कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मूलभूत सुविधाओं के साथ सभी प्राभावित लोगों को दूसरी जगह बसाया जाएगा।
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हजारों परिवार होंगे विस्थापित
इस एयरपोर्ट के तीसरे चरण के लिए तैयार किए गए भूमि अधिग्रहण प्लान के अनुसार, जेवर के आठ गांवों के 15920 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। एयरपोर्ट के पूरे प्लान में कुल 30879 लोग प्रभावित होंगे। इन परिवारों को विस्थापित करने के लिए माडलपुर, मंगरौली, अलावलपुर, चोरौली और नीमका की 437 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस योजना के पहले और दूसरे चरण में 2699 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है और इस जमीन पर रनवे बनाने का काम जारी है।
इसी साल बन जाएगा एयरपोर्ट
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही भूमि अधिग्रहण की योजना को मंजूरी दे चुकी है। इस प्रोजेक्ट के तीसरे चरण में तीन रन-वे बनाए जाएंगे। पहले और दूसरे फेज में ती रन-वे को बनाया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण के लिए जारी आधिकारिक नोटिस में बताया गया है कि पहले और दूसरे चरण का काम अभी जारी है और जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा और यह एयरपोर्ट कॉमर्शियल उपयोग के लिए अक्टूबर 2025 तक तैयार हो जाएगा।
चार चरणों में बनेगा एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चार चरणों में बनाया जा रहा है और चारों चरण पूरे होने के बाद यह भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यह 5,000 हेक्टेयर में बनकर तैयार होगा। इस एयरपोर्ट में कुल 6 रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग्स होंगी और इसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ होगी।
अधिकारियों के अनुसार, इस एयरपोर्ट पर माल और रखरखाव सेवाओं के लिए सुविधाएं भी होंगी। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस के बाद कॉमर्शियल उड़ानों के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का यह तीसरा एयरपोर्ट होगा।
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क्या बोले अधिकारी?
अधिकारियों का कहना है कि कानून के मुताबिक वह पूरी प्रोसेस करेंगे। जेवर के उपजिलाधिकारी ने कहा, 'जमीन अधिग्रहण के लिए उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की गणना के बाद उन्हें दूसरी जगह बसाने के लिए योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। चार जुलाई से ड्राफ्ट पर लोकसुनवाई शुरू की जा रही है। परियोजना में आठ गांव का विस्थापन किया जाना है जिसके लिए 340 हेक्टेयर जमीन का चयन कर लिया गया है। लोकसुनवाई में मिली आपत्तियों को हल करने के बाद जिलास्तरीय समिति सुझावों के साथ ड्राफ्ट को मंडलायुक्त के पास भेज देगी।'