कर्नाटक के मंगलुरु की पुलिस को एक पुराने केस में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी कि 26 साल पुराने सांप्रदायिक दंगे के मामले में फरार दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि लंबे समय से इन दोनों की तलाश थी और पुलिस को सूचना मिली थी कि एक आरोपी दुबई से भारत लौट रहा है। पुलिस ने इस आरोपी को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। इस केस में दूसरे आरोपी को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने सोमवार को इन दोनों की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए बताया कि इन दोनों की गिरफ्तारी 31 दिसंबर, 1998 को मुल्की थाना क्षेत्र के हलियंगडी में हुए सांप्रदायिक दंगे, आगजनी और उपद्रव की घटना से जुड़ी हुई है। इस केस में मुल्की पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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दोनों आरोपी थे फरार
पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो लीलाधर और चंद्रहास केशव शेट्टी नाम के दो लोगों को भी आरोपी बनाया था। हालांकि, इन दोनों ने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया और घटना के बाद से ही फरार चल रहे थे। पुलिस ने कोर्ट में जो चार्जशीच दायर की थी उसमें भी इन दोनों को फरार घोषित किया गया था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि पेलुपनम्बूर, हलियंगडी का रहने वाला एक आरोपी 59 वर्षीय चंद्रहास केशव शेट्टी दुबई भाग गया था और वह भारत वापस आ रहा है। पुलिस ने सूचना मिलते ही कार्रवाई की और उसे 30 अगस्त, 2025 को मुंबई हवाई अड्डे पर उतरते ही हिरासत में ले लिया।
गांव में छिपकर रह रहा था आरोपी
इस मामले में दूसरा फरार आरोपी लीलाधर भी पहले दुबई भाग गया था। वह घटना के कुछ समय बाद दुबई से लौट आया था और मुल्की के पक्षिकेरे गांव में एक किराए के मकान में छिपकर रह रहा था। पुलिस को उसके छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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क्या है पूरा मामला?
साल 1998 के अंत में कर्नाटक के मुल्की शहर में हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसके कारण सांप्रदायिक दंगे हुए। दंगों में शामिल लोग एक-दूसरे पर पथराव कर रहे थे। इस दंगे में मोहन नर्सिंग होम और सप्तऋषि भवन की छतों से गोलीबारी की भी रिपोर्ट आई थी।