उन्नाव रेप केस का मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर, 2 सप्ताह के लिए जेल से बाहर आएगा। उसकी सेहत खराब है और इसी आधार पर उसे जमानत दी गई है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि कुलदीप सेंगर को दिल्ली AIIMS में ही भर्ती किया जाएगा, वहीं उसके सेहत की जांच की जाएगी। उसकी सेहत पर 3 से 4 दिनों तक नजर रखी जाएगी।
कोर्ट ने शर्त रखी है कि अगर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर उसके कहीं भेजा जाता है तो वह किसी जानी-पहचानी जगह ही जाए। इस दौरान यह तय करना होगा कि वह पीड़िता के संपर्क नहीं करेगा। स्थानीय CBI अधिकारी इस पर नजर रखेंगे और AIIMS पर भी उनकी नजर रहेगी। सेंगर को पुलिस अधिकारियों को अपनी स्थिति बतानी होगी।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुलदीप सिंह सेंगर के सेहत की जांच करने वाले मेडिकल सुप्रिटेंडेंट यह कोर्ट को बताएंगे कि उसका इलाज यहां हो सकता है या नहीं। कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और हत्या के केस में तीस हजारी कोर्ट ने साल 2019 में ही दोषी ठहराया था।
कुलदीप सेंगर को बीमारी कौन सी हुई है?
कुलदीप सिंह सेंगर डायबिटीज से जूझ रहा है। उसे आंखों में भी कुछ परेशानी है। इसके अलावा वह उम्र संबंधी मुश्किलों का भी सामना कर रहा है।
कुलदीप सेंगर का गुनाह क्या है?
कुलदीप सिंह सेंगर पर साल 2017 में एक महिला ने रेप और अपहरण का आरोप लगाया था। महिला के साथ जब रेप हुआ था, तब वह नाबालिग थी। वह नौकरी के सिलसिले में कुलदीप सेंगर के घर गई थी, जिसके बाद उसके साथ बलात्कार हुआ। कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप के आरोप लगे, पीड़िता के पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगा था। हिरासत में ही पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। केस की सुनवाई की रिकॉर्डिंग की गई थी और पीड़िता के पक्ष ने 13 गवाह पेश किए। बचाव पक्ष ने 9 गवाह पेश किए थे। दिल्ली एम्स में अदालत भी बैठाई गई थी।
कौन है कुलदीप सेंगर?
कुलदीप सेंगर यूपी के उन्नाव की बांगरमऊ सीट से 4 बार के विधायक रहा है। उसे पार्टी ने अगस्त 2019 में ही बाहर निकाल दिया था। उसे खिलाफ पॉक्सो एक्ट, भारतीय दंड संहिता की 376 और 363 के तहत आरोप तय हुए थे। कुलदीप पर आरोप हैं कि उसने जून 2017 में रेप किया था। कुलदीप सेंगर के करियर की शुरुआत कांग्रेस से हुई थी। साल 2002 में वह बसपा में गया था और फिर 2007 में वह सपा में चला गया। साल 2012 में उसने बीजेपी से टिकट हासिल किया और जीत गया। वह 4 बार विधायक रहा है। बीजेपी ने उसे बाहर निकाल दिया है।