मोहाली जिला अदालत ने आर्म्स एक्ट से जुड़े एक मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समेत चार आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया है, जबकि एक आरोपी सोनू को तीन साल की कैद और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
लॉरेंस बिश्नोई की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कर्ण सोफत ने बताया कि वर्ष 2022 में सोहाना थाने में बिश्नोई, असीम उर्फ हाशम बाबा, दीपक, विक्रम सिंह उर्फ विक्की और सोनू के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत में सुनवाई के दौरान बिश्नोई, असीम, दीपक और विक्की के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हो सके, जिसके चलते अदालत ने चारों को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया।
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पहले सोनू को गिरफ्तार किया गया
वहीं, अभियोजन पक्ष ने आरोपी सोनू के खिलाफ हथियार बरामदगी से संबंधित साक्ष्य पेश किए। गवाह एसआई दीपक सिंह ने बताया कि बरामदगी के समय वह मौके पर मौजूद थे और सोनू के कब्जे से हथियार और कारतूस मिले थे। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले सोनू को गिरफ्तार किया गया था और उसकी निशानदेही पर दीपक पुंडीर उर्फ दीपू को बाद में गिरफ्तार किया गया।
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सोनू के खिलाफ साबित हुआ अपराध
अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष केवल सोनू के खिलाफ ही बिना किसी संदेह के अपराध साबित कर सका है। इसलिए, सोनू को शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि लॉरेंस बिश्नोई, असीम उर्फ हाशम बाबा, दीपक और विक्रम सिंह उर्फ विक्की को आरोपों से मुक्त कर दिया गया।