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वाराणसी में 40 साल से बंद पड़े मंदिर को खोलने की अचानक क्यों हुई मांग

जिला प्रशासन ने वाराणसी में चार दशकों से बंद एक मंदिर के स्वामित्व के कागजात की तलाशी शुरू कर दी है। लोगों के एक समूह ने मंदिर को फिर से खोलने की मांग की है।

Varanasi's Madanpura Temple reopen

प्रतीकात्मक तस्वीर, Image Credit: Pexels

वाराणसी में चार दशकों से बंद पड़े एक मंदिर को फिर से खुलवाने की मांग करने के बाद, जिला प्रशासन ने मंदिर के स्वामित्व के दस्तावेजों की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम मंगलवार को मंदिर पहुंची। अपर जिलाधिकारी (शहर) आलोक वर्मा ने बताया कि उन्हें भी इस मंदिर की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला। 

 

आलोक वर्मा ने कहा, 'हमें इस मंदिर के बारे में समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला। अगले तीन-चार दिनों में हम इसकी जांच करेंगे। हमारे कानूनी सलाहकारों की टीम मंदिर के स्वामित्व की जांच कर रही है। अगर इसे सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाता है तो मंदिर सभी के लिए खोल दिया जाएगा।'

 

कई सालों से बंद यह मंदिर

पुलिस उपायुक्त काशी जोन गौरव बंसवाल ने कहा कि इस मंदिर के बारे में सभी जानते हैं और यह कई सालों से बंद है। उन्होंने कहा, 'स्थानीय लोगों ने बताया है कि यह मंदिर करीब 40 वर्षों से बंद है। यह पता नहीं चल पाया है कि मंदिर के ताले की चाबी किसके पास है। अब कुछ संगठनों ने मंदिर का ताला खोलकर वहां पूजा शुरू करने की मांग की है। राजस्व और प्रशासन की टीमें वहां जांच कर रही हैं। पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी, उसे लागू किया जाएगा।' 

 

लोगों को मंदिर खोले जाने पर कोई आपत्ति नहीं

गौरव बंसवाल ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों को मंदिर खोले जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से वहां पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं और लगातार गश्त की जा रही है। सोमवार को मदनपुरा इलाके में करीब चार दशक से बंद पड़े मंदिर को खोलने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। इस समूह का नेतृत्व सनातन रक्षा दल के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा कर रहे थे।

 

परिसर गंदगी और मलबे से भरा

शर्मा ने कहा कि मंदिर को खोलने का प्रयास किसी विवाद या संघर्ष के कारण नहीं है। शर्मा ने कहा, 'मंदिर वर्षों से उपेक्षित रहा है। परिसर गंदगी और मलबे से भरा हुआ है।' उन्होंने दावा किया कि आसपास की जमीन, जो कभी हिंदुओं के स्वामित्व में थी, मुस्लिम परिवारों ने खरीद ली, जिसके कारण समय के साथ मंदिर खाली हो गया। उन्होंने कहा, 'मंदिर को फिर से खोलने को लेकर कोई विरोध या विवाद नहीं है।

 

पुलिस ने अपना सहयोग बढ़ाया है और महापौर से भी चर्चा हुई है। उन्होंने दावा किया कि स्थानीय अधिकारियों की देखरेख में मंदिर की सफाई जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। वाराणसी में चार दशकों से बंद पड़े एक मंदिर को खुलवाने की मांग करने के बाद, जिला प्रशासन ने मंदिर के स्वामित्व के दस्तावेजों की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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