मध्य प्रदेश के रीवा में 500 करोड़ रुपये की लागत से बना नया रीवा एयरपोर्ट अपनी शुरुआत से ही मुश्किलों में घिर गया है। हाल ही में भारी बारिश के कारण एयरपोर्ट की बाहरी दीवार का एक हिस्सा ढह गया, जिससे इसके निर्माण की गुणवत्ता और बाढ़ से निपटने की तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भारी बारिश के कारण दीवार के नीचे की जमीन धंस गई, जिसके चलते रात में दीवार का हिस्सा गिर गया। यह पहली बार नहीं है जब दीवार टूटी है। पिछले साल भी बारिश के दौरान ऐसा ही हादसा हुआ था, तब एयरपोर्ट शुरू भी नहीं हुआ था।
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विंध्य क्षेत्र के लिए थी बड़ी उम्मीद
रीवा एयरपोर्ट को विंध्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव माना जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन वर्चुअल तरीके से वाराणसी से किया था। 323 एकड़ जमीन पर बने इस एयरपोर्ट को केवल 18 महीनों में पूरा किया गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
इस एयरपोर्ट में 2,300 मीटर लंबा रनवे है और वर्तमान में यह भोपाल, खजुराहो और जबलपुर के लिए दो उड़ानें संचालित करता है। अभी यहां 19 सीटों वाले छोटे विमान उड़ान भरते हैं, लेकिन जल्द ही 72 सीटों वाले बड़े विमानों को शुरू करने की योजना है।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इसे अगले 50 साल तक क्षेत्र की सेवा के लिए लाइसेंस दिया है। लेकिन अभी पूरी तरह शुरू होने से पहले ही इसकी नींव कमजोर पड़ती दिख रही है।
बारिश ने मचाई तबाही
पिछले 24 घंटों में रीवा में 8 इंच बारिश हुई है। जिले की प्रमुख नदियां, बिछिया और बिहार, उफान पर हैं, जिससे शहर के कई हिस्से डूब गए हैं। नदी के किनारे बसे चार इलाकों में घरों और दुकानों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है।
हैरानी की बात है कि गुढ़ विधायक नगेंद्र सिंह का घर भी बाढ़ से नहीं बच सका। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘रीवा शहर तालाब बन गया है। जब तक नदी को गहरा नहीं किया जाएगा और बाढ़ के मैदान का प्रबंधन नहीं होगा, यह समस्या हर साल बनी रहेगी।’
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इस घटना ने न केवल एयरपोर्ट के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि बाढ़ से निपटने की तैयारियों की भी पोल खोल दी है। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ अब माँग कर रहे हैं कि इसकी जांच हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए।