महाराष्ट्र के लातूर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। लातूर के एक बाल आश्रय गृह में HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) संक्रमित नाबालिग लड़की के साथ लगातार दो साल से दुष्कर्म किया जा रहा था। जब लड़की प्रेग्नेंट हो गई तो आरोपी लड़का उसे जान से मारने की धमकी देने लगा। लड़की ने कई बार आश्रय गृह के अधिकारियों को अपनी बात बताने की कोशिश की थी लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। अचानक लड़की की तबियत बिगड़ने के बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, बाद में आश्रय गृह के लोगों ने जबरदस्ती लड़की का एबॉर्शन करवा दिया। पुलिस ने हॉस्पिटल के डॉक्टर सहित आश्रय गृह के कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला लातूर जिले के औसा तालुका का है। नाबालिग लड़की हासेगांव के सेवालय नाम के आश्रय गृह में रहती थी। यह आश्रय HIV संक्रमित बच्चों के लिए बनाया गया था। यहां नाबालिग लड़की के साथ 13 जुलाई, 2023 से 23 जुलाई, 2025 तक लगातार दुष्कर्म किया गया। यह घिनौना काम आश्रय गृह में काम करने वाले अमित महामुनि ने किया था। उसने न केवल लड़की का यौन शोषण किया बल्कि उसे धमकी भी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो बुरा अंजाम होगा।
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क्या है पूरा मामला?
लड़की ने अपनी आपबीती आश्रय के अधिकारियों को बताने के लिए लेटर लिखकर आश्रय के लेटर बॉक्स में डाला था लेकिन आश्रय गृह के प्रबंधन ने उसकी मदद करने की बजाय उसके लेटर को फाड़ दिया। कुछ समय बाद जब लड़की की तबियत खराब हुई तो उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि वह चार महीने की प्रेग्नेंट है। यह सुनकर सब हैरान रह गए। बाद में आश्रय के अधिकारियों ने लड़की की मर्जी के बिना उसका एबॉर्शन करवा दिया।
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पुलिस ने लिया ऐक्शन
स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद लड़की ने हिम्मत जुटाई और धाराशिव जिले के ढोकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सेवालय आश्रय गृह के संस्थापक रवि बापटले, अधीक्षक रचना बापटले, आरोपी अमित महामुनि, और गर्भपात करने वाली डॉक्टर पूजा वाघमारे को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके खिलाफ सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया है। लातूर के पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने बताया कि यह मामला औसा पुलिस थाने को सौंपा गया है, क्योंकि घटना उनके क्षेत्र में हुई है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।