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क्यों ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर बनने के 15 दिन बाद दिया इस्तीफा

किन्नर अखाड़े में मिले महामंडलेश्वर पद से ममता कुलकर्णी ने इस्तीफा दे दिया है। जिसका वीडियो भी जारी किया है। जानिए क्या है वजह।

Image of Mamta Kulkarni

अभिनेत्री से साध्वी बनीं ममता कुलकर्णी।(Photo Credit: PTI File Photo)

महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़े के साथ-साथ बॉलीवुड अभिनेत्री से साध्वी और फिर महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी का नाम काफी चर्चा में रहा। बता दें कि ममता कुलकर्णी ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर औपचारिक रूप से किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा को साध्वी के रूप में जारी रखेंगी और इसी मार्ग पर आगे बढ़ेंगी।

महाकुंभ 2025 में मिला था महामंडलेश्वर पद

एक समय की ग्लैमरस अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी ने सालों पहले फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था। इसके बाद उन्होंने अध्यात्म का मार्ग अपनाया था। हाल ही में, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान, 24 जनवरी को उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी और उन्हें नया नाम ‘श्री यमाई ममता नंदगिरी’ नाम मिला था। हालांकि, इस कार्यक्रम के बाद से संतों में कुछ मतभेद सामने आए थे।

 

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महामंडलेश्वर की उपाधि को लेकर विवाद

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर न सिर्फ साधु-संतों में बल्कि अखाड़े के भीतर भी मतभेद उभर कर सामने आए थे। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने प्रेस विग्यप्ति जारी कर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को उनके पद निष्कासित करने का आदेश दिया था।

 

इस आदेश पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर हैं और रहेंगी। इसी को लेकर टकराव शुरू हो गया। इसी विवाद के चलते अब ममता ने पद छोड़ने का फैसला किया। सोशल मीडिया पर जारी अपने वीडियो में ममता ने स्पष्ट किया, 'मैं किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी इसी मार्ग पर चलूंगी।' 

 

ममता कुलकर्णी ने आगे बताया कि वे ‘मैं 25 सालों से बॉलीवुड और मीडिया से दूर रही हूं। हालांकि मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर बनने के बाद कई लोगों ने आपत्ति जताई थी।’

बता दें कि अब महामंडलेश्वर पद छोड़ने के बाद ममता कुलकर्णी अपने आध्यात्मिक सफर को एक साध्वी के रूप में जारी रखेंगी। वह आगे भी 'श्री यमाई ममता नंदगिरी' नाम से जानी जाएंगी।

 

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बाबा रामदेव और संत समाज की आपत्ति

ममता कुलकर्णी की इस पद पर नियुक्ति से संत समाज के कई लोग पहले से ही नाराज थे। योगगुरु बाबा रामदेव ने भी खुलकर इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था, 'कोई व्यक्ति एक दिन में संत नहीं बन सकता। संन्यास और संतत्व को प्राप्त करने के लिए वर्षों की तपस्या और साधना की जरूरत होती है।'

 

उन्होंने आगे कहा, 'महाकुंभ सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। कुछ लोग इस पवित्र आयोजन को गलत कारणों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह उचित नहीं है।' 

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