कार या बाइक के खास नंबर के लिए अक्सर लोग मोटी रकम खर्च करते हैं। कई बार तो यह कीमत गाड़ी से भी ज्यादा निकल जाती है। यही वजह है कि अब परिवहन विभाग भी बाकायदा खास नंबरों की नीलामी करता है और इससे कमाई करता है। कुछ दिन पहले ही ऐसा एक मामला हरियाणा से आया था जिसमें कार का नंबर के लिए 1.17 करोड़ की बोली लगा दी थी। ऐसा ही एक मामला अब उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर से सामने आया है। एक प्राइवेट कंपनी ने एक मर्सिडीज कार का नंबर '0001' रखने के लिए 27.50 लाख रुपये की बोली लगाने के बाद रकम भी जमा करा दी है।
उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में किसी खास नंबर के लिए पहली बार किसी गाड़ी मालिक की ओर से इतनी बड़ी राशि जमा कराई गई है। कंपनी ने बोली जीतने के बाद पूरी रकम जमा भी करा दी है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘यूपी-16 FH’ सीरीज के आकर्षक नंबरों की ऑनलाइन नीलामी में यह नंबर दवा कंपनी ‘एम/एस अविओरियन प्राइवेट लिमिटेड’ ने हासिल किया है।
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विभाग की ओर से बताया गया है कि ‘0001’ नंबर का बेस प्राइस एक लाख रुपये रखा गया था, जिसके आधार पर नीलामी शुरू होती है। विभाग ने बताया कि इस कंपनी ने 27,50,000 रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई और नंबर अपने नाम कर लिया। गौतमबुद्ध नगर के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) नंद कुमार ने बताया कि आकर्षक नंबरों के लिए लोगों में हमेशा विशेष उत्साह रहता है और कई वाहन मालिक इन्हें पाने के लिए ऊंची बोली लगाने में भी पीछे नहीं रहते। इस बार बोली न सिर्फ सर्वाधिक रही, बल्कि पूरे पैसे जमा भी करा दिए गए।
1 करोड़ की बोली लगाकर फंसा शख्स
कुछ दिन पहले हरियाणा में एक शख्स ने HR88B8888 नंबर के लिए 1.17 लाख रुपये की बोली लगाई थी। 45 लोगों के बीच बोली लगाकर इस शख्स ने नंबर तो हासिल कर लिया लेकिन जब पैसे जमा करने की बारी आई तो वह पीछे हट गया। इस मामले में हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री अनिल विज का कहना है कि अब बोली लगाने वाले शख्स की संपत्ति की जांच की जाएगी।
जांच में यह पता लगाया जाएगा कि उस शख्स की आर्थिक क्षमता 1.17 करोड़ दे पाने की है भी या नहीं। अनिल विज ने कहा था, 'इस तरह बोली लगाने और अपना सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त होने देना यह दर्शाता है कि बोली लगाना सिर्फ शौक बनता जा रहा है।' बता दें कि हिसार के रहने वाले इस शख्स ने 11 हजार रुपये की राशि जमा कराई थी और वह राशि अब जब्त हो गई है।
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इस बारे में बोली लगाने वाले शख्स सुधीर कुमार का कहना था कि जिस दिन पेमेंट करना था, उस दिन वह किसी काम में व्यस्त थे इसलिए पेमेंट नहीं कर पाएगा। उनके मुताबिक, उन्हें मीडिया के जरिए पता चला कि वह नंबर अब रद्द हो गया है और दूसरे नंबर के लिए उन्होंने पेमेंट कर दी है।
परिवहन विभाग की होती है मोटी कमाई
कारों के वीआईपी नंबरों की बोली लगवाने से ट्रांसपोर्ट विभाग की मोटी कमाई होती है। साल 2022-23 में उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग ने 99,140 फैन्सी नंबरों की नीलामी की और 72.44 करोड़ रुपये कमाए। 2023-24 में 1.37 लाख नंबरों की नीलामी हुई 99.03 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
इसी तरह महाराष्ट्र के मुंबई में 2023 के सिर्फ दो महीने में 6.71 करोड़ रुपये और 2024 के 2 महीनों में 6.71 करोड़ रुपये की कमाई सिर्फ वीआईपी नंबर बेचकर हुई थी।