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नियम-कानून ताक पर रखकर बांटी गई सरकारी नौकरी! MP में भ्रष्टाचार

मध्य प्रदेश सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया में एडिशनल सीईओ के 15 पदों के लिए भर्ती थी। उसमें ओबीसी के चार पदों के लिए 12 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें सिर्फ दो लोगों को बुलाया गया।

MP State Cooperative Bank

प्रतीकात्मक तस्वीर।

मध्य प्रदेश सरकार में बड़ा भर्ती घोटाला सामने आया है। मध्य प्रदेश सहकारी क्षेत्र के शीर्ष बैंक (अपैक्स) में एडिशनल सीओ, असिस्टेंट प्रोगामर,नोडल अधिकारी सहित मैंनेजर 118 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में इस कदर की धांधली हुई है कि लिखित परीक्षा का पूरा रिजल्ट जारी किए बिना इंटरव्यू की मेरिट लिस्ट बना दी गई। 

 

इतनी धांधली इसलिए की गई क्योंकि मंत्री से लेकर बड़े अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबियों को आसानी से नौकरी पर रखा जा सके। इस भर्ती प्रक्रिया में नियमों की भयंकर अंदेखी हुई है। नियमों के हिसाब से एक पद पर तीन गुना अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए बुलाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 

 

विश्वास सारंग के ओएसडी का बेटा भर्ती

 

भर्ती में जिनका चयन हुआ है उस लिस्ट में विभागीय मंत्री विश्वास सारंग के ओएसडी और बैंक में एचआर का काम देख रहे संजय मोहन भटनागर के बेटे अनुराग मोहन भटनागर, एमडी मनोज कुमार गुप्ता के भतीजे प्रथम गुप्ता, अपैक्स बैंक के ओएसडी अरूण मिश्रा के भतीजे संकल्प मिश्रा के साथ में रिटायर्ड एमएन कोरी की बेटी मोना का नाम शामिल है।

सरकारी नौकरी के लिए पहले से ही चयन तय था

 

इन खास लोगों के करीबी सभी लोग मैनेजर की पोस्ट के लिए इंटरव्यू की लिस्ट में शामिल थे। इस मामले में कॉपरेटिव मामलों के वकील पराग काले के मुताबिक, अगर विज्ञापन पदों के खिलाफ पर्याप्त आवेदन नहीं आते तो दोबारा विज्ञापन जारी करना होता है। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि जितने पद हैं, इंटरव्यू में लगभग उतने ही अभ्यार्थी बुलाए गए थे। इसका मलतब है कि जिनको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था उनका सरकारी नौकरी के लिए चयन पहले से ही तय था।  

पद और उनपर बुलाए गए अभ्यार्थी

 

एडिशनल सीईओ: 15 पद

 

मध्य प्रदेश सहकारी बैंक की भर्ती प्रक्रिया में एडिशनल सीईओ के 15 पदों के लिए भर्ती थी। उसमें ओबीसी के चार पदों के लिए 12 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें सिर्फ दो लोगों को बुलाया गया। वहीं, अनारक्षित के चार पदों के लिए 12 की जगह सिर्फ पांच लोगों को बुलाया गया। एससी के दो पदों के लिए दो और एसटी के 3 पदों के लिए किसी भी कैंडिडेट को नहीं बुलाया गया।

 

नोडल अधिकारी: 12 पद, अकाउंट मैनेजर: 34 पद

 

भर्ती में नोडल अधिकारी के 12 थे। इसमें एससी वर्ग के दो पदों के लिए 6 कैंडिडेट्स को बुलाना था, लेकिन बुलाया गया सिर्फ दो ही लोगों को। वहीं, ओबीसी के तीन पदों के लिए छह लोगों को बुलाया गया। ऐसे ही अकाउंट मैनेजर के 34 पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें पांच एससी की थीं, इसमें 15 कैडिडेट की जगह सिर्फ 7 ही लोग बुलाए गए। वहीं, एसटी के सात पदों के लिए 21 लोगों को बुलाना था, लेकिन इंयरव्यू में सिर्फ के ही शालिनी नाम की युवती को बुलाया गया।   

 

ऐसे ही मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन के लिए 34 पद थे। इसमें एससी के पांच पदों के लिए 15 लोगों को बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 13 लोगों को ही बुलाया गया। एसटी के सात पदों के लिए 8 लोग ही बुलाए गए। इसके लिए हिसाब से जितने लोगों को बुलाया गया उनका सेलेक्शन पहले से ही तय था। 

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