'संजय निषाद को हटा दो', निषाद पार्टी के नेता ने पोस्ट लिख की खुदकुशी
निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने फेसबुक पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखा, जिसमें संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

धर्मात्मा निषाद। (Photo Credit: Facebook)
निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने मरने से पहले एक फेसबुक पोस्ट लिखा, जिसमें अपनी खुदकुशी के लिए संजय निषाद को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों का नाम लिया है।
धर्मात्मा निषाद ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि य उनका आखिरी संदेश है। उन्होंने कहा है कि पार्टी के लिए काम करते वक्त उन्हें कई मुकदमे झेलने पड़े, लोगों के ताने सुने, प्रताड़ना झेली लेकिन काम किया। संजय निषाद और उनके परिवार को खलने लगा कि यह नेता कैसे इतना लोकप्रिय हो रहा है।
'मैं जिंदगी की लड़ाई हार गया'
धर्मात्मा निषाद ने लिखा, 'मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया। यह आखिरी संदेश है। आज बहुत कुछ सोचने समझने के बाद मैंने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं है। मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था। उतना मदद करने का प्रयास किया और कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर भी जाकर लोगों की मदद की। जिसके कारण मेरे हजारों राजनैतिक और सामाजिक दुश्मन बने। फिर भी मैंने समाज के शोषित, वंचित, और निर्बलों की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा। इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े और कई बार जेल भी जाना पड़ा फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया और लगातार लोगों की मदद करता रहा।'
यह भी पीढ़ें: 3 मिनट, 2 अनाउंसमेंट... रेलवे स्टेशन पर कैसे मची भगदड़? पढ़ें रिपोर्ट
क्या बताई खुदकुशी की वजह?
धर्मात्मा निषाद ने लिखा, 'मैं लगभग पिछले 10 वर्ष से डॉ. संजय कुमार निषाद कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सामाजिक और राजनैतिक संगठन जैसे कि राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद् और निषाद पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए कार्य कर रहा था। जिसमें पिछले 10 वर्ष से मैंने कभी अपने परिवार को समय नहीं दिया जितना कि मैंने डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके परिवार के लोगों के साथ-साथ समाज को समय दिया। मैंने उत्तर प्रदेश के लगभग 40-50 जिलों में संगठन और पार्टी के लिए कार्य किया जिसके वजह से निषाद समाज के युवाओं के साथ-साथ अन्य वर्ग के भी युवाओं में मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई। जिसके कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ने लगी कि आखिर यह एक साधारण सा लड़का इतना ज्यादा चर्चित और लोकप्रिय कैसे होता जा रहा है।'
संजय निषाद पर क्या लगाए आरोप?
धर्मात्मा निषाद ने इसी बात को लेकर पिछले दो वर्ष से डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों ने मेरे खिलाफ सामाजिक और राजनैतिक रूप से षड्यंत्र करने लगे। मनीष निषाद नाम के एक लड़के को मुझसे मारपीट करने के लिए उकसाया गया जिसके कारण मुझे मनीष निषाद को मारना पड़ा था। उसको मैंने ऑन कैमरा मारा था क्योंकि उसने मेरे दुश्मनों के साथ मिलकर मेरे घर पर आकर मेरी मां और बहन के साथ गाली-गलौज और मारपीट की थी।
'दोस्त ने दगा दिया, परिवार पर मुकदमा'
धर्मात्मा निषाद ने कहा, 'मेरे खिलाफ हुए षड्यंत्र में मेरे एक बहुत करीबी मित्र जय प्रकाश निषाद का हाथ था। उसी ने षड्यंत्र करके डॉ. संजय और तत्कालीन सांसद प्रवीण निषाद के नाम से फोन करके मेरे खिलाफ फर्जी लूटपाट का मुकदमा दर्ज करवाया था। बाद में जय प्रकाश निषाद ने कबूल किया था कि डॉ. संजय और उनके बेटों प्रवीण और श्रवण के कहने पर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह जानने के बाद मुझे बहुत गहरी चोट पहुंची।
यह भी पढ़ें-- 'सिर में घुसी कील, ग्रिल पर लटके लोग' कैसा था वो भगदड़ का मंजर?
'मुझे जेल हुई, निषाद परिवार ने मांगी माफी'
धर्मात्मा निषाद ने लिखा, 'पनियरा क्षेत्र के बैदा गांव निवासी गुलशन निषाद की हत्या कर दी गई और पुलिस ने उस मामले को कुछ राजनेताओं के दबाव में आकर दुर्घटना दिखाकर दबाने का प्रयास किया। मैंने गुलशन के हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई तो डॉ. संजय निषाद और उनके बेटों ने चक्का जाम आदि का फर्जी केस दर्ज कराकर मुझे जेल भिजवा दिया। मैं जेल से छूटा तो लोकसभा चुनाव में मेरा समर्थन पाने के लिए डॉ. संजय और उनके बेटों ने मुझसे मिलना-जुलना शुरू कर दिया। मेरे आवास पर डॉ. संजय कुमार निषाद के छोटे सुपुत्र श्रवण कुमार निषाद ने माफी भी मांगी।'
जनता से क्या अपील कर गए धर्मात्मा निषाद?
धर्मात्मा निषाद ने लिखा, 'मैं अपने निषाद समाज के सभी समाजसेवियों और राजनेताओं से एक आखिरी निवेदन करना चाहता हूं। आप लोग निषाद समाज के युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने के साथ-साथ डॉ. संजय कुमार निषाद जैसे धूर्त व्यक्ति से समाज को छुटकारा दिलाने के लिए कार्य करें। जितना नुकसान निषाद समाज का अन्य दलों ने नहीं किया है उससे कहीं ज्यादा नुकसान डॉ. संजय कुमार निषाद और उसके बेटों ने किया है।'
उन्होंने लिखा, 'मैंने इनके साथ रहकर सारी चीजें बहुत करीब से देखा है। इन्होंने निषाद समाज को जगाने का काम किया है, मगर उसमें मुझ जैसे सैकड़ों क्रान्तिकारी साथियों की अग्रणी भूमिका रही है। कोई भी टीम अगर मैच जीतती है तो वह सिर्फ कप्तान के बदौलत नहीं बल्कि पूरी टीम की एकजुटता के शानदार प्रदर्शन के बदौलत जीतती है। वह अलग बात है कि ट्राफी उठाने का और मंच पर बात रखने का मौका कप्तान को मिलता है, जिसकी वजह से कप्तान को प्रसिद्धि मिल जाती है।
उन्होंने कहा, 'इसी तरह से निषाद समाज को जगाने में और उनके हक अधिकारों की लड़ाई लड़ने में मुझ जैसे सैकड़ों क्रान्तिकारी साथियों का अहम योगदान रहा है मगर डॉ. संजय कुमार निषाद ने उसे भुनाते हुए खुद को स्वघोषित महामना, पॉलिटिकल गॉड फॉदर ऑफ फिशरमैन बना लिया।'
खुदकुशी पर संजय निषाद ने क्या कहा?
संजय निषाद ने हादसे पर कहा, 'वह मेरी पार्टी के सक्रिय कार्यतर्ता थे। उनकी आत्महत्या से मैं स्तब्ध हूं। यह व्यक्तिगत क्षति है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ दुर्भाग्यपूर्ण और असत्य टिप्पणी की गई है। ऐसा धर्मात्मा नहीं कर सकते हैं। मैं इस प्रकरण की जांच चाहता हूं।'
पुलिस ने क्या कहा है?
एसपी सोमेंद्र मीना ने कहा है कि मामले की छानबीन की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap