ओडिशा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान को ओडिशा प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान ने गुरुवार को DCP के ऑफिस में सरेंडर कर दिया और इसके बाद मेडिकल जांच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर की पिटाई की वीडियो वायरल होने के बाद हुई है।
सरेंडर करने आए बीजेपी नेता ने कहा , 'मैं जांच में सहयोग करने आया हूं। अगर मेरी गिरफ्तारी से मामला हल हो जाता है तो मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं।' उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि यह उन्हें और उनकी पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। बीजेपी नेता पर आरोप है कि उनके समर्थकों ने जनसुनवाई के दौरान नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर साहू की पिटाई कर दी थी। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग अधिकारी को गाली दे रहे हैं और पीट रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
सोमवार को भुवनेश्वर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर साहू पर जनसुनवाई के दौरान उनके कार्यालय में हमला किया गया था। नगर निगम की मेयर सुलोचना दास के मुताबिक, 5-6 लोगों ने उन्हें बाहर घसीटकर मारपीट की और अगवा करने की कोशिश की। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग अधिकारी की पिटाई कर रहे हैं। इस घटना के बाद ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ ने विरोध किया और साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इस घटना का विरोध किया।
ओडिशा प्रशासनिक सेवा संघ ने जगन्नाथ प्रधान को इस घटना का मुख्य आरोपी बताया था और उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी। कर्मचारियों ने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद दबाव में आकर बीजेपी नेता को सरेंडर करना पड़ा। बीजेपी नेता जगन्नाथ प्रधान के अलावा बीजेपी पार्षद नारायण राउत, संजीव मिश्रा, सचिकांत स्वैन, रश्मी महापात्रा और देबाशीष प्रधान को गिरफ्तार किया गया है।
जगन्नाथ ने क्या सफाई दी?
इस घटना के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीजेपी नेता पर कार्रवाई करने की मांग की थी। जिसके बाद बीजेपी नेता ने अपना बचाव भी किया था। उन्होंने कहा था कि यह उनको और उनकी पार्टी को बदनाम करने की साजिश है।
उन्होंने कहा, 'बीजू जनता दल डर के कारण गलत आरोप लगा रहा है। मैं पार्टी का एक सीनियर और विश्वसनीय नेता हूं। वे लोग मेरी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। वे बेवजह मुझे बदनाम करने के लिए हंगामा खड़ा कर रहे हैं। नगर निगम अधिकारी के साथ जो भी हुआ वह गलत था और हम इसकी निंदा करते हैं। हम इस घटना की जांच करेंगे।'
बीजेडी कांग्रेस ने किया था विरोध
इस घटना के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियां बीजेडी और कांग्रेस बीजेपी और मोहन चरण माझी की सरकार पर हमलावर हो गई थीं। विपक्ष बीजेपी पर नौकरशाही का भगवाकरण करने का आरोप लगा रहा था। राज्य में इस घटना के बाद से राजनीति वार पलटवार जारी है और बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार किया है। बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी प्रदीप पुरोहित ने बीजेडी पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों का प्रदर्शन बीजेडी और नवीन पटनायक मोहन माझी सरकार को अस्थिर करने के लिए करवा रहे हैं।