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पहले बाबरी मस्जिद, अब गीता पाठ; बंगाल में कैसे चढ़ने लगा सियासी पारा?

धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ पश्चिम बंगाल का सियासी पारा चढ़ने लगा है। बाबरी मस्जिद की बुनियाद कार्यक्रम पर बीजेपी ने टीएमसी को घेरा तो वहीं गीता पाठ आयोजन पर टीएमसी ने बीजेपी पर हमला बोला।

West Bengal News

पश्चिम बंगाल में विशाल गीता पाठ का आयोजन। ( Photo Credit: Social Media)

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विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल का सियासी पारा चढ़ने लगा है। शनिवार को टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में एक नई बाबरी मस्जिद की बुनियाद रखी। इसके एक दिन बाद रविवार को कोलकाता के विख्यात परेड ग्राउंड में लाखों लोगों ने एक साथ गीता का पाठ किया। इस कार्यक्रम में बंगाल के अलावा अन्य राज्यों के लोगों और साधु-संतों ने हिस्सा लिया। 

 

लोकसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2023 में भी 'एक लाख आवाजों' वाले गीता जाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उसकी दूसरी सालगिरह पर रविवार को विशाल गीता पाठ के आयोजन ने पश्चिम बंगाल में सियासी पारा चढ़ा दिया है। टीएमसी ने बीजेपी पर कार्यक्रम के जरिये ध्रुवीकरण का आरोप लगाया है।

 

कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद ने किया है। इसका नाम 'पांच लाख आवाजों से गीता पाठ' रखा गया है। आयोजकों का कहना है कि इस कार्यक्रम का मकसद पश्चिम बंगाल की आध्यात्मिक विरासत को जगाना और सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ये देश का सबसे बड़ा गीता पाठ आयोजन है।

 

लाखों लोगों ने एकसाथ गीता के पहले, नौवें और 18वें अध्याय का जाप किया। परेड ग्राउंड लोगों से पूरा खचाखच भरा था। जहां तक नजर जा रही थी, सिर्फ लोगों का हुजूम और भगवा झंडे दिखाए पड़ रहे थे। आयोजकों का दावा है कि पांच लाख लोगों ने एक साथ गीता पाठ किया।

 

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गीता पाठ के बाद लोगों में प्रसाद वितरित किया गया। हालांकि कई स्टॉल पर लोगों की खूब भीड़ भी देखने को मिली। कार्यक्रम स्थल में तीन मंचों का निर्माण किया गया था। वहीं पूरे सेंट्रल कोलकाता में सुरक्ष व्यवस्था बेहद कड़ी रही। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कार्यक्रम के आयोजन पर कहा कि गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं है। यह भारत के सभी 140 करोड़ लोगों के लिए है। 

 

बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, 'आज पश्चिम बंगाल की पवित्र धरती कोलकाता में एक साथ पांच लाख लोगों ने गीता का पाठ किया। आस्था का जोश और सैलाब देखकर ऐसा लगा जैसे कोलकाता में महाकुंभ मेला लगा हो। हम पश्चिम बंगाल और कोलकाता व देश के लोगों का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। सनातन एकता ही इस देश और दुनिया के लिए शांति का सबसे बड़ा माध्यम है। भारत में हम सनातनी चाहते हैं , तनातनी नहीं। भारत में हम 'भगवा-ए-हिंद' चाहते हैं, 'गजवा-ए-हिंद' नहीं।'

 

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, 'गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसके माध्यम से पूरे विश्व में सामाजिक समरसता एकता और एकत्व का भाव जागृत किया जा सकता है। गीता ग्रंथ महान है, गीता भारत की शान और स्वाभिमान है। जिस घर में गीता होती है, वह घर देवालय से कम नहीं है।'  

 

 

 

 

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कार्यक्रम में स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री समेत कई मठों से जुड़े साधु-संत और साध्वियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी और बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल समेत कई दिग्गज नेता भी पहुंचे।


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