गोवा के एक नाइट क्लब में शनिवार की आधी रात को लगी भीषण आग में 25 लोगों की जलने से मौत हो गई। इस जानलेवा आग की वजह का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में सुरक्षा मानकों में कमी सामने आई है। इसके अलावा अरपोरा नदी के बैकवाटर में क्लब के निर्माण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यह कथित तौर पर बिना परमिशन के बनाया गया था।
जिस क्लब में दर्दनाक हादसा हुआ उसका नाम 'बर्च बाय रोमियो लेन' है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार को नाइट क्लब में लगी आग की मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। सीएम सावंत ने कहा कि नाइट क्लब के मालिक और जनरल मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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मालिक का नाम सौरभ लूथरा
वहीं, उत्तर गोवा के अरपोरा में बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब चलाने वाले शख्स की पहचान हो गई है। इसके मालिक का नाम सौरभ लूथरा है। HT की रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ लूथरा नाम के एक लिंक्डइन अकाउंट के बायो में 'रोमियो लेन बिर्च। मामाज़ बुओई के चेयरमैन' का जिक्र है।
दरअसल, रोमियो लेन, दिल्ली समेत भारत के कई शहरों में है। साथ ही यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध अपस्केल रेस्टोरेंट और बार की एक चेन है। हालांकि, सौरभ लूथरा का अभी तक हादसे को लेकर कोई रिएक्शन नहीं आया है। पुलिस लूथरा की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
गोल्ड मेडलिस्ट से रेस्टोरेंट मालिक कैसे बना लूथरा?
रोमियो लेन वेबसाइट पर सौरभ लूथरा के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके मुताबिक, लूथरा गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर है। उसने तेजी से अपने रेस्टोरेंट को आगे बढ़ाया। उसकी तरक्की का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि F&B इंडस्ट्री में लूथरा अपना शानदार काम के लिए जाने जाता हैं।
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वेबसाइट के मुताबिक, रोमियो लेन अभी 22 शहरों और चार देशों में मौजूद है। इसमें कहा गया है कि सौरभ लूथरा के रेस्टोरेंट पर मिलने वाले ऑर्गेनिक कॉकटेल के लिए जाना जाता है। वेबसाइट के मुताबिक, लूथरा ने 2016 से लेकर अब तक अपने रेस्टोरेंट/बार के लिए कई अवॉर्ड जीते हैं और कई पहचानें हासिल की हैं।
सीढ़ियों पर मिले शव
गोवा के DGP आलोक कुमार ने बताया कि 25 लोगों के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं। मरने वालों में क्लब में काम करने वाले कर्मचारी की संख्या ज्यादा थे। DGP ने बताया कि आग सबसे पहले ग्राउंड प्लोर में बनीं रसोई में लगी जिसके बाद क्लब के दूसरे हिस्सों में आग फैल गई। यही कारण है कि सबसे ज्यादा शव किचन एरिया से मिले हैं।