दिल्ली के एक घर में ईद का जश्न उस समय मातम में बदल गया जब उनकी दो साल की बेटी को घर के बाहर सड़क पर खेलते वक्त एक कार ने रौंद दिया। हुंडई वेन्यू कार को 15 साल का एक लड़का चला रहा था। इस घटना ने एक बार फिर से इस पर बहस छेड़ दी है कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के नियमों का किस तरह से उल्लंघन किया जाता है। इस कारण से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।
दुर्घटना रविवार को हुई जब बच्ची पहाड़गंज में अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी। सीसीटीवी कैमरे की खौफनाक फुटेज में कार को धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है। ड्राइविंग सीट पर बैठे बच्चे ने सड़क पर खेल रही बच्ची अनाबिया से लगभग एक मीटर की दूरी पर गाड़ी रोक दी।
यह भी पढ़ें: 18 महीनों में सोने की कीमतें 16% तक बढ़ेंगी! वजह होगा चीन, जानें कैसे
नाबालिग था ड्राइवर
इसके बाद कार फिर से चलने लगी और गाड़ी को ड्राइव कर रहे नाबालिग को इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि बच्ची उसके रास्ते में है। कार आगे बढ़ गई और बच्ची उसके अगले बाएं पहिये के नीचे कुचल गई।
आसपास खड़े लोग कार की ओर दौड़े, गाड़ी को पीछे किया गया और बच्ची को पहिये के नीचे से निकाला गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें: 'परमाणु डील करो वरना बमबारी होगी', ईरान को अमेरिका ने क्यों धमकाया?
कार के नीचे कुचला
पुलिस ने बताया कि उन्हें पता चला कि वाहन पीड़ित परिवार के पड़ोसी की थी और दुर्घटना के समय उनका बेटा कार चला रहा था। लापरवाही से वाहन चलाने और मौत का कारण बनने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने किशोरी के पिता पंकज अग्रवाल को हिरासत में ले लिया है।
अनाबिया के घर पर दिल दहला देने वाले सीन देखने को मिले, जब ईद की खुशियां छोटी बच्ची की मौत के दुख में बदल गईं।
पिछले साल पुणे में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी, जब एक किशोर द्वारा चलाई जा रही पोर्शे ने एक बाइक को पीछे से टक्कर मार दी थी। इस घटना ने बड़े पैमाने पर लोगों में गुस्सा पैदा किया, लेकिन दिल्ली की घटना से पता चलता है कि नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोकने के मामले में परिवार अभी भी लापरवाह हैं।