जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को उन अटकलों पर विराम लगा दिया, जिसमें तरह-तरह के दावे किए जा रहे थे कि उनकी पार्टी जन सुराज को फंडिंग कहां से आती है। इसको लेकर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी को आने वाले चंदे के बारे में खुलासा किया कि वह कहां से आता है। किशोर ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन सालों में 241 करोड़ रुपये फीस के तौर पर कमाई की है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कमाई अपने पेशेवर काम के बदले क्लाइंट्स से जो फीस मिली है उससे हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें दो जगह से पैसा आता है। पहले के बारे में किशोर ने बताया कि जिसे वह राजनीतिक सलाह देते हैं और दूसरा बड़ी कंपनियों को सलाह देने की एवज में वह उनसे पैसे लेते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2021-22 से अबतक उन्होंने जो फीस ली है वह 241 करोड़ रुपये है। यह पैसे किशोर ने खुद और उनसे जुड़ी संस्थाओं ने लिया।
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98 करोड़ पार्टी को दान दिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए बताया कि 241 करोड़ का उन्होंने 30 करोड़ 95 लाख 68 हजार 764 रुपये जीएसटी सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि जो पैसे सलाह ने तौर पर लेते हैं उसपर 18 फीसदी जीएसटी के तौर पर सरकार को देते हैं। किशोर ने आगे बताया कि उन्होंने 20 करोड़ रुपये इनकम टैक्स भरा है।
साथ ही 98 करोड़ 75 लाख रुपया अपने व्यक्तिगत बैंक अकाउंट से पार्टी जन सुराज को दान किया है।
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बता दिया कमाई का स्रोत
उन्होंने अपने विरोधियों से कहा कि वो हमसे पूछते हैं कि पैसा कहां से लाते हैं? हम लोग चोर नहीं हैं। 98 करोड़ रुपये अपने व्यक्तिगत बैंक अकाउंट से जो खर्च करने के बाद बच गया वो जन सुराज को डोनेट कर दिया। साथ ही घोषणा करते हुए कहा कि अगले दस साल में जो भी पैसा कमाएंगे वह सब बिहार की व्यवस्था को सुधारने के लिए लगाएंगे। इस दौरान उन्होंने अपनी कमाई का स्रोत भी बता दिया।
प्रशांत किशोर ने कहा, 'नवयुगा कंस्ट्रक्शन कंपनी से दो घंटे की सलाह के लिए 11 करोड़ रुपये लिए हैं। कंपनी ने एक प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए हमसे सलाह लिया, जिसकी एवज में कंपनी ने उन्हें 11 करोड़ रुपये की फीस दी। यह बिहार के एक लड़के की ताकत है। यह सरस्वती की ताकत है। हम लोग चोरी नहीं करते हैं।'
इस दौरान उन्होंने उन आरोपों का सिरे से खंडन कर दिया कि उनकी पार्टी को फर्जी कंपनियों से चंदा मिला है।