logo

ट्रेंडिंग:

राजस्थान: BJP नेता कंवर लाला मीणा को हुई 3 साल की सजा, चली गई विधायकी

राजस्थान के बीजेपी विधायक कंवर लाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। उनको 2005 के एक केस में तीन साल की सजा सुनाई गई है जिस कारण उनकी सदस्यता रद्द की गई।

Kanwar Lal Meena

कंवर लाल मीणा

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कंवर लाल मीणा को बड़ा झटका लगा है। अब उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि उनकी सदस्यता 1 मई से समाप्त कर दी गई है। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कंवर लाल मीणा की सदस्यता खत्म करने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि उन्हें उप-विभागीय मजिस्ट्रेट पर पिस्तौल तानने के आरोप में दोषी ठहराया गया और तीन साल की सजा सुनाई गई है। 

 

राजस्थान विधानसभा ने शुक्रवार को विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता समाप्त करने की जानकारी सार्वजनिक कर दी। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मीना की सदस्यता 1 मई से समाप्त हो गई है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय लेने से पहले महाधिवक्ता और वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों से कानूनी राय मांगी थी। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया, 'विधानसभा अध्यक्ष ने कानूनी राय मांगी थी , जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता समाप्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है।' 

 

यह भी पढ़ें: गढ़चिरौली में पुलिस के साथ दो घंटे तक हुई गोलीबारी, 4 माओवादी ढेर

 

किस मामले में हुई सजा?

 

बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को जिस मामले में सजा हुई है, वह मामला साल 2005 का है। उस समय राजस्‍थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके में खताखेड़ी पंचायत के उपसरपंच चुनाव को लेकर तनाव हुआ। आरोप है कि उस दौरान कंवरलाल मीणा ने SDM रामनिवास मेहता को बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और दोबारा से मतदान की मांग की। इस केस में गंभीर आरोप होने के बावजूद निचली अदालत ने 2018 में उन्हें बरी कर दिया था। हालांकि, 14 दिसंबर 2020 को झालावाड़ की एडीजे अकलेरा अदालत ने 20 साल पुराने मामले में सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाते हुए कंवर लाल मीणा को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद यह केस हाई कोर्ट में चल रहा था और अब हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर सत्र अदालत की सजा को बरकरार रखा है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

 

कंवर लाल मीणा ने अपनी सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और उन्हें दो सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। उन्होंने 21 मई को अकलेरा अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया और उसके बाद से वह जेल में बंद हैं। विधानसभा सचिवालय ने इससे पहले मीना को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट से मिली किसी भी राहत के बारे में 7 मई तक जवाब देने को कहा था। उनकी सजा पर रोक न लगने के कारण विधानसभा सचिवालय ने विधायक की अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और उनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया।


कांग्रेस लंबे समय से कर रही थी मांग


जब से कोर्ट ने जब कंवर लाल मीणा को सजा सुनाई थी उसके बाद से कांग्रेस उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही थी। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और दूसरे कांग्रेस विधायक लगातार तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने कंवर लाल मीणा की सजा को लेकर स्पीकर को कई ज्ञापन सौंपे और राज्यपाल से भी मुलाकात की थी।

 

यह भी पढ़ें: JP ग्रुप के कई परिसरों में ED की रेड, 12000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

 

कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा से कंवर लाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव और विपक्ष के नेता द्वारा अवमानना ​​याचिका दायर करने के बाद, बीजेपी के दोषी विधायक कंवर लाल मीणा की सदस्यता रद्द करनी पड़ी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोच्च है।'  उन्होंने आगे कहा, 'कानून के मुताबिक बीजेपी विधायक कवंरलाल को कोर्ट से 3 साल की सजा होते ही उनकी सदस्यता रद्द कर देनी जानी चाहिए थी लेकिन कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद भी बीजेपी के सजा पा चुके विधायक की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष ने रद्द नहीं की ।'

 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस फैसले पर बात करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान की गरिमा की जीत करार दिया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के कई प्रतिनिधिमंडलों ने राज्यपाल और स्पीकर को ज्ञापन सौंपे, लेकिन बीजेपी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया, जो लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।' 

 

200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के 118 विधायक हैं और कांग्रेस के 66 विधायक हैं। विधानसभा सचिवालय ने चुनाव आयोग को कंवर लाल मीणा की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई सीट की जानकारी दे दी है। अब नियमों के अनुसार, अंता विधानसभा सीट पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होगा।  संभावना है कि यह चुनाव अक्टूबर 2025 से पहले हो जाए।

Related Topic:#BJP#Rajasthan News

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap