राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का एक पूर्व कमांडो राजस्थान में 200 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस ने की है। राजस्थान पुलिस ने बताया है कि पूर्व कमांडो कथित तौर पर बड़े गांजा तस्करी रैकेट को चलाने में शामिल है।
राजस्थान पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि कमांडो साल 2008 के मुंबई में हुए आतंकी अभियान में शामिल रह चुका है। पूर्व कमांडो का नाम बजरंग सिंह है। यह कार्रवाई राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और मादक पदार्थ निरोधी कार्यबल (ANTF) ने संयुक्त अभियान चलाकर की है।
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चूरू के रतनगढ़ से हिरासत में लिया
बजरंग सिंह को बुधवार देर रात चूरू जिले के रतनगढ़ से हिरासत में लिया गया। बताया गया है कि बजरंग सिंह कथित तौर पर तेलंगाना और ओडिशा से राजस्थान में गांजा लाकर सप्लाई करने वाले गिरोह का सरगना है।
सर पर था 25,000 रुपये का इनाम
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि उसके पास से 200 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विकास कुमार ने बताया कि सीकर जिले के रहने वाले बजरंग सिंह पर 25,000 रुपये का इनाम था।
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पुलिस ने क्या कहा?
उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, 'राज्य की एटीएस और एएनटीएफ ने 'ऑपरेशन गंजनेय' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप बजरंग सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।' पुलिस ने बताया कि बजरंग सिंह ने दसवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था और सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भर्ती हो गया था।
बीएसएफ में रहते हुए बजरंग एनएसजी कमांडो के तौर पर काम करने लगे। कमांडो के तौर पर उन्होंने सात साल अपनी सेवा दी। इसी दौरान वह मुंबई में 26/11 आतंकी रोधी हमले अभियान का हिस्सा थे। पुलिस ने बताया कि साल 2021 में उसने अपनी पत्नी को स्थानीय चुनाव लड़वाया, जिससे उसकी इलाके में पहचान बढ़ी और उसका स्थानीय प्रभाव बढ़ गया।
अपराध और नशीले पदार्थों से संबंध
अधिकारियों ने बताया कि बजरंग सिंह ने इन संबंधों का इस्तेमाल ओडिशा और राजस्थान दोनों राज्यों में आपराधिक नेटवर्क से संपर्क स्थापित करने के लिए किया। उसने कथित तौर पर गांव में अपनी पकड़ का फायदा उठाकर नशीले पदार्थों और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की।
पुलिस के मुताबिक, पूर्व कमांडो बजरंग सिंह लगभग दो महीने से फर्जी मोबाइल और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके दूरदराज के गांवों में शरण ले ली। इससे वह गिरफ्तारी से बचता रहा था। हालांकि, एजेंसियों ने उसे तकनीकी खुफिया जानकारी के बाद गिरफ्तार कर लिया।