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रामबन में भूस्खलन बना बाधा, अपने बाराती संग पैदल निकला दूल्हा, Video

भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें एक दूल्हा पैदल ही अपने बारातियों के साथ पैदल जाता दिख रहा है।

ramban landslide video

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Pixabay

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पूरी तरह से बंद हो गया है। इस कारण एक दूल्हे को अपनी बारात के साथ विवाह स्थल तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ी। दरअसल, भूस्खलन के कारण NH-44 पर नशरी, बनिहाल और मागरकोट के पास मलबा जमा हो गया, जिससे सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया।

शादी की पोशाक में पैदल निकला दूल्हा

सैकड़ों वाहन, जिनमें बारात के वाहन भी पूरी तरह से फंस गए। ऐसे में दूल्हा अपनी शादी की पोशाक में बारात के साथ पैदल ही विवाह स्थल की ओर निकल गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दूल्हे को बारातियों के साथ पैदल चलते देखा जा सकता है। दूल्हे को अपनी शादी के लिए समय पर पहुंचने की मजबूरी थी, इसलिए लड़का पूरे बारात के साथ सुबह 6 बजे ही घर से निकल गए। वीडियो में दूल्हे को पूरी शादी की पोशाक में जाते देखा गया, जिसपर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 

 

'आज मेरी शादी का दिन है...'

वीडियो में दूल्हा कहता नजर आ रहा है कि 'आज मेरी शादी का दिन है... कल हुई भारी बारिश की वजह से यह स्थिति है। हमें पैदल ही जाना होगा। हमने सुबह 6 बजे यात्रा शुरू की। हमने अपनी गाड़ियां पीछे पार्क कर दीं और अब हम बाकी रास्ता पैदल ही तय करेंगे। हमें अभी भी लगभग 7-8 किलोमीटर और चलना है। हम दुल्हन को उसी रास्ते से लाएंगे, क्योंकि सड़कें साफ नहीं हुई हैं। हम सरकार से जल्द से जल्द NH 44 को साफ करने का अनुरोध करते हैं।' दूल्हे का नाम मशकूर हैं और उन्होंने कहा कि वह दुल्हन को उसी रास्ते से वापस पैदल ही लाएंगे। 

 

यह भी पढ़ें: कहीं राहत की बारिश, कहीं गर्मी की मार; कैसा रहेगा आज का मौसम

मौसम विभाग ने दी चेतावनी

मौसम विभाग (IMD) ने 18 से 20 अप्रैल के लिए रामबन और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की थी। 20 अप्रैल को धर्मकुंड और सेरी बागना में बादल फटने की घटनाओं ने सड़कों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। रामबन में 3 लोगों की मौत और 250 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। 

 

रामबन पुलिस और सीमा सड़क संगठन ने फंसे यात्रियों को निकालने और सड़क खोलने के लिए काम शुरू किया। हालांकि, 21 अप्रैल तक सड़क पूरी तरह नहीं खुल सकी थी। जिला प्रशासन ने फंसे यात्रियों के लिए भोजन और अस्थायी आवास की व्यवस्था की। रामबन के उपायुक्त बसीर उल हक चौधरी ने लोगों से गैर-जरूरी यात्रा से बचने और मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की अपील की।  

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