उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच एक बार फिर से लड़ाई तेज हो गई है। इस बार लड़ाई पार्टी को लेकर नहीं बल्कि पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे को लेकर है। दरअसल, शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने बाल ठाकरे को लेकर एक बयान दिया है, इससे महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। रामदास कदम बाला ठाकरे की मृत्यु पत्र पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल किया है कि बाला ठाकरे की मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर 2 दिन मातोश्री में क्यों रखा गया?
रामदास कदम ने कहा कि बाल ठाकरे का वसीयत नामा किसने बनाया और उस पर साइन किसके थे? उन्होंने नार्को टेस्ट की मांग कर दी है। रामदास कदम के बदान पर शिवसेना (यूबीटी) ने जबरदस्त पटलवार किया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता और MLC अनिल परब ने शनिवार को कहा कि वह इस फर्जी आरोप लगाने के लिए रामदास कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मानहानि केस से मिलने वाली कोई भी राशि बाढ़ प्रभावित किसानों को दान कर दी जाएगी।
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रामदास कदम का नार्को टेस्ट कराने की मांग
अनिल परब ने रामदास कदम का नार्को टेस्ट कराने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने रामदास कदम की पत्नी की मौत से जुड़े 1993 के मामले की भी जांच की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि कदम की पत्नी का केस रहस्यमय तरीके से बंद कर दिया गया था।
दशहरा रैली में दिया था बयान
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता रामदास कदम ने गुरुवार को पार्टी की दशहरा रैली में यह दावा करके राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था कि नवंबर 2012 में बाल ठाकरे की मौत की घोषणा से दो दिन पहले, उनका पार्थिव शरीर ठाकरे निवास, मातोश्री में रखा गया था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने बाल ठाकरे की मौत के बाद उनकी उंगलियों के निशान लिए थे। उन्होंने सच्चाई सामने लाने के लिए खुद और उद्धव दोनों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी।
वहीं, रामदास कदम के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि कदम की टिप्पणी बाला ठाकरे की विरासत के साथ विश्वासघात है। राउत ने कहा, 'ऐसे बयान देना दिवंगत शिवसेना संस्थापक का अपमान है।'
कदम के समर्थन में आई शिवसेना
इसके अलावा शिवसेना रामदास कदम के बयान के समर्थन में आ गई है। देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि कदम के दावों में दम है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार की तैयारियां उनकी मौत की औपचारिक घोषणा से दो दिन पहले ही शुरू हो गई थीं।
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बीजेपी नेता नितेश राणे ने भी रामदास कदम के बयान का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे को शिवसेना प्रमुख से उनके अंतिम दिनों में मिलने नहीं दिया था। राणे ने दावा किया, 'किसी को स्विट्जरलैंड से आना था, और कुछ कागजों पर साइन होने के बाद मौत की घोषणा कर दी गई।'
नितेश राणे ने मांग की कि उद्धव ठाकरे को खुलकर स्पष्ट करना चाहिए कि कदम या वह झूठ बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि जितना ज्यादा वह चुप रहेंगे, उतना ही वह हमारी जानकारी की पुष्टि करेंगे।