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संभल में मिले पाकिस्तानी और अमेरिकी कारतूस, कितनी गहरी थी साजिश? 

हिंसा प्रभावित संभल की सड़कों पर इन दिनों साफ-सफाई और सबूत जुटाने का काम चल रहा है। इसी सफाई के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस बरामद हुए हैं।

police team in sambhal

सबूत जुटाती पुलिस की टीम, Photo: PTI

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उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा चार लोगों की मौत की वजह बनी थी। शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे के बाद बवाल हुआ था और इसने हिंसक रूप से लिया था। इस मामले में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ हो रही है। अब उत्तर प्रदेश पुलिस को हिंसा प्रभावित संभल से कुछ ऐसे खाली कारतूस मिले हैं जो अमेरिका के बने हुए हैं। इससे पहले पाकिस्तान के बने कारतूसों के अलावा कुछ अन्य प्रतिबंधित कारतूस भी संभल की सड़कों से बरामद किए जा चुके हैं। इस केस में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

 

आज शुक्रवार है और आज इस मस्जिद में जुमे की नमाज होनी है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। गुरुवार को ही मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), स्थानीय पुलिस, जिला अधिकारी और एसपी ने फ्लैग मार्च किया। उन्होंने कहा, 'पूरा संभल जिला अब शांत है। एहतियात के तौर पर पीएसी और आरएएफ की कंपनियां यहां तैनात हैं। शुक्रवार को बैरिकेडिंग रहेगी, छतों से निगरानी की जाएगी और ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी।'

पुलिस ने क्या कहा?

 

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, 'पुलिस की टीम स्थानीय म्युनिसिपैलिटी के साथ मिलकर सड़कों की सफाई करवा रही है और इसी के साथ सर्च ऑपरेशन भी चल रहा है। इसके जरिए सबूत भी जुटाए जा रहे हैं। छानबीन के दौरान ही हमें चार खाली कारतूस मिले हैं। इसमें दो 7.65 mm के और दो 12 बोर के हैं। ये सभी अमेरिका में बने हुए हैं। इससे पहले एक कारतूस ऐसा भी मिला था जिसमें पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी गोली का खोखा बरामद हुआ था। अभी तक कुल 10 ऐसे कारतूस बरामद हुए हैं जो प्रतिबंधित हैं।'

 

 

डीआईजी ने आगे बताया 'पिछली बार जहां तोड़फोड़ हुए थी उन सीसीटीवी कैमरों को फिर से लगा दिया गया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पीस कमेटी के लोगों के साथ मीटिंग की है और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।' बता दें कि संभल की स्थानीय अदालत के एक फैसले के आधार पर इस शाही जामा मस्जिद का सर्वे करवाया गया था जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी विरोध के दौरान स्थिति बिगड़ गई। एक तरफ से लोगों ने पथराव किया और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। दोनों तरफ से अलग-अलग बातें कही जा रही हैं। पुलिस का कहना है कि लोगों ने पथराव पहले किया, वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया जिसके बाद स्थिति बिगड़ी।

क्या है विवाद?

 

दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद की जगह पर पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था। इसी याचिका पर सुनवाई करके संभल की एक निचली अदालत ने सर्वे की अनुमति दे दी थी। इसी सर्वे का विरोध कर रहे लोगों ने दूसरे सर्वे के दिन मस्जिद को घेर लिया था। जब सर्वे टीम वहां से निकल रही थी, तभी यह विवाद और बढ़ गया और मामला हिंसक हो गया।

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