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भगवान जगन्नाथ के रथ पर लगे सुखोई के टायर, रोचक है कहानी

कोलकाता की सड़कों पर इस बार भगवान जगन्नाथ का रथ सुखोई फाइटर प्लेन के टायरों की मदद से दौड़ेगा। इस्कॉन ने एक लाख 80 हजार रुपये में चार टायरों की व्यवस्था की है।

Sukhoi fighter plane.

सुखोई फाइटर जेट। ( AI Generated Image )

कोलकाता में 27 जून को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस बार बेहद खास होगी। 20 साल की तलाश के बाद रथ को नए पहिए मिल चुके हैं। बोइंग 747 विमान के टायरों की जगह अब सुखोई फाइटर जेट के पहियों का इस्तेमाल रथ में किया जाएगा। इन टायरों का निर्माण एमआरएफ कंपनी ने किया है। 24 किमी की टेस्टिंग में टायर बिल्कुल सही मिले हैं। कोलकाता इस्कॉन मंदिर के मुताबिक चार टायरों की कीमत 1.80 लाख रुपये है। 

 

कोलकाता में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन इस्कॉन करता है। 1972 में पहली बार शहर में रथयात्रा निकाली गई। रथ पर बोइंग विमान के पुराने टायर लगे थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पुराने होने के कारण टायर घिसते जा रहे थे। हर बार रथ यात्रा से पहले मरम्मत करनी पड़ती थी। 2005 में इस्कॉन ने टायरों को बदलने का फैसला किया। मगर रथ के वजन के हिसाब के टायरों का मिलना मुश्किल था। लगभग 20 साल की तलाश के बाद इस्कॉन ने सुखोई फाइटर प्लेन के टायरों को चुना। 

 

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टायरों को उठाना होगा 16 टन वजन

एनडीटीवी बातचीत में इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया, 'रथ काफी विशाल है, उसका वजन मापना आसान नहीं था। उसके हिसाब का तराजू खोजना भी मुश्किल था। बाद की जांच में रथ का वजन लगभग 9 टन निकला। यात्रा के वक्त रथ पर भक्तों का भी भार रहता है। हमें ऐसे टायरों की जरूरत थी, जो लगभग 16 टन वजन उठाने में सक्षम हो।'

 

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पहले डनलप से किया संपर्क, बाद में MRF से बनी बात

राधारमण दास ने आगे बताया, 'टायरों के संबंध में सबसे पहले डनलप से संपर्क किया गया, लेकिन तब तक वे निर्माण बंद कर चुके थे। तमाम रिसर्च के बाद सुखोई विमान के टायरों को रथ के लिए उपयुक्त पाया गया। 2018 में एमआरएफ कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। बाद में एमआरएफ ने 2024 में अपनी एक टीम भेजी। कंपनी ने एक महीने पहले ही टायर भेजे हैं। कंपनी ने कहा कि उनके टायर अपेक्षित भार उठाने में समक्ष है।'

 

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