दिल्ली में अवारा कुत्ते अब लोगों की जान के लिए खतरा बन रहे हैं। एक साल में अगर पूरी दुनिया में रेबीज से 100 मौतें हो रही हैं तो इनमें से 36 मौतें भारत में होती हैं। यह आंकड़ा, विश्व स्वास्थ्य संगठन का है। साल 2021 में केंद्र सरकार ने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह सामने आया था कि देश में आवारा कुत्तों की संख्या 1.25 करोड़ से ज्यादा है। अब दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने के बढ़ते मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम को आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते रेबीज के मामलों पर चिंता जताई है और सभी नगर निकायों की निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए, वहां उन्हें आश्रय स्थलों में रखें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इन कुत्तों का रिकॉर्ड भी रखा जाए।
दिल्ली में अक्सर कुत्ता काटने की खबरें सामने आती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अब चेतावनी दी है कि अगर कोई शख्स या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने में अधिकारियों के काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को भी यह कहा था कि कुत्तों की समस्या दिल्ली में गहराती जा रही है। आवारा कुत्ते, आम लोगों के लिए परेशानी की वजह बन रहे हैं।
यह भी पढ़ें: रेबीज से हर 100 में 36 मौत भारत में; आवारा कुत्तों का संकट कितना बड़ा?
'5 हजार कुत्तों के लिए बने शेल्टर होम'
जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि फिलहाल करीब 5,000 आवारा कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए जाने चाहिए और कुत्तों के बधियाकरण और टीकाकरण के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए।
'कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से रखें दूर'
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाए। उन्हें सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर न छोड़ा जाए। बेंच ने कहा, 'हम व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ऐसे निर्देश जारी कर रहे हैं। शिशुओं और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर आवारा कुत्तों से बचाना होगा, जिनके काटने से रेबीज होता है।'
यह भी पढ़ें: बेंगलुरु में 4 हजार आवारा कुत्तों को खिलाया जाएगा चिकन और चावल
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- एक सप्ताह के भीतर बनाएं हेल्पलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन बनाने का भी निर्देश दिया है, जिससे कुत्तों के काटने के सभी मामलों की तुरंत सूचना दी जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्तों के काटने से रेबीज फैलने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था।