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अपनी टूटती पार्टी को बचाने के लिए क्या दूसरे दलों में सेंध लगा रहे हैं कुश्वाहा?

हाल ही में लिट्टी चोखा पार्टी में उपेंद्र कुश्वाहा की ही पार्टी के तीन विधायक नहीं पहुंचे। हालांकि, इसमें अन्य दलों के नेता मौजूद थे।

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उपेंद्र कुश्वाहा । Photo Credit: PTI

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संजय सिंह: उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा में टूट का खतरा बढ़ता जा रहा है। कुशवाहा के पटना स्थित आवास पर लिट्टी चोखा पार्टी में उनके ही दल के तीन विधायक नहीं पहुंचे। विधायकों के नहीं पहुंचने के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं। इस पार्टी में दूसरे दल के शीर्ष नेता मौजूद थे। इधर कुशवाहा विधायकों के नहींं आने के मामलों को ज्यादा तूल नहींं दे रहे हैं। उनका कहना है कि जरुरी नहीं है कि हर कार्यक्रम में विधायक शामिल हों। 

 

कुशवाहा ने अपनी पार्टी की ओर से मिलन समारोह का आयोजन किया। इस दौरान मांझी की पार्टी हम के दर्जनों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। कुशवाहा विरोधियों को यह संदेश देना चाहते थे कि उनके विधायकों के रूठने का असर उन पर नहींं है। इधर जीतनराम मांझी ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि कुशवाहा सिर्फ अपने लिए सोचते हैं। वे स्वयं राज्यसभा के सदस्य हैं। उनकी पत्नी विधायक हैं और बेटे को उन्होंने बिना किसी सदन का सदस्य बने मंत्री बनवा लिया। अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। मांझी के इस बयान को आरजेडी के नेताओं ने मुद्दा बना लिया। 

 

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माधव आनंद हैं ज्यादा नाराज

मधुबनी के विधायक माधव आनंद ज्यादा नाराज हैं। उन्हें पूरा भरोसा था कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा की ओर से नीतीश मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलेगी, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बड़ा खेल हो गया। माधव आनंद पूरी तैयारी के साथ मंत्री बनने गए थे, लेकिन मंत्रियों की सूची में उनका नाम नहींं था। उनके बदले सूची में कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश का नाम दर्ज था। दीपक दोनोंं सदनों में से किसी का सदस्य नहीं हैं। यहीं से पार्टी के भीतर खटपट शुरू हुई। 

 

पार्टी के दूसरे विधायक रामेश्वर महतो ने अपने फेसबुक पर अपनी भावना का इजहार कर नाराजगी जता दी। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी मन की बात से राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। इसके बावजूद यदि वे नहीं मानते हैं तो वे जानें और उनका काम जाने। बेटे को मंत्री बनाए जाने के बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। इनके पार्टी के कई प्रकोष्ठ के नेता इस्तीफा दे चुके हैं। 

 

पार्टी के भीतर बढ़ते बगावत को देखकर कुशवाहा ने 30 नवंबर को प्रदेश व जिला इकाइयों और प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। पार्टी में टूट की बात को तब और हवा मिली जब लिट्टी चोखा पार्टी में शामिल होने के बजाय कुशवाहा के तीनों विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मिले और अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया।

कम नहीं हो रही है लालू परिवार की परेशानी

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की परेशानी कम होते नजर नहीं आ रही है। उनके बड़े पुत्र और राष्ट्रीय जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेज प्रताप यादव को उनके ही दल के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष रेणु यादव ने जान से मारने की धमकी दी है। तेज प्रताप ने उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी को पत्र लिखकर अपने जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। मालूम हो कि पहले दोनों साथ साथ थे। हाल के दिनों में दोनों के बीच कटुता बढ़ी है। 

 

संतोष यादव भी इससे पहले तेज प्रताप पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इधर बीजेपी और जेडीयू ने एक माह बीतने के वावजूद राबड़ी देवी द्वारा सरकारी आवास खाली नहीं किए जाने के मामले को गंभीरता से उठाया है। 

 

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दोनों दलों का कहना है कि भवन निर्माण विभाग को इस मामले में कारवाई करना चाहिए। उधर तेजस्वी यादव के विदेश यात्रा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जेडीयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर तेजस्वी यादव के विदेश यात्रा की जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विदेश यात्रा तेजस्वी ने अपराधियों के साथ की है। सत्ता पक्ष के नेता लगातार लालू परिवार को घेरने में लगे रहते हैं।


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