पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव से पहले चुनाव आयोग बिहार की तर्ज पर ही वोटर लिस्ट की गहन जांच के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करवा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इसे चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी की साजिश बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह वोटरों को डराने और उनके नाम वोटर लिस्ट से काटने के लिए चलाई जाने वाली प्रक्रिया है। ममता बनर्जी का आरोप है कि इस प्रक्रिया के लिए कम समय दिया गया है और कई लोगों के पास जरूरी दस्तावेद नहीं है। वहीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर घुसपैठियों का साथ देने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की सत्ता पर काबिज टीएमसी सरकार घुसपैठियों और फर्जी दावेदारों को जल्द से जल्द अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कैंप लगा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से SIR प्रक्रिया में दस्तावेजों को गहनता से जांच करने की मांग की।
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शुभेंदु अधिकारी ने लगाए आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कंडी में पंचायत कार्यालयों में 8 से 12 दिसंबर तक ऐसे तीन शिविरों के बारे में जारी ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर के नोटिस को शेयर किया है। इस नोटिस को शेयर करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार घुसपैठियों को सर्टिफिकेट जारी कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि 24 जून के बाद जारी सभी सर्टिफिकेट की बारीकी से जांच की जाए। बता दें कि बिहार में 24 जून से ही SIR प्रक्रिया शुरू की गई थी।

सोशल मीडिया पर की पोस्ट
शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में उन्होंने ममता सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने लिखा, 'यह हड़बड़ी इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से चलाई जा रही SIR प्रक्रिया में टीएमसी के वोट धोखाधड़ी के रैकेट का खुलासा होने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा 2002 की वोटर लिस्ट से अपना नाम नहीं जोड़ पा रहा है। इसलिए हताशा में ये कदम उठाए जा रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाते हुए लिखा , 'यह ऐसे अयोग्य मतदाताओं को सर्टिफिकेट जारी करने का खुला प्रयास है, जो चुनाव आयोग के दस्तावेजों की लिस्ट से मेल नहीं खाते हैं।'
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लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का आरोप
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर तीखा हमला करते हुए लिखा कि ममता बनर्जी की सरकार फर्जी एससी,एसटी, ओबीसी सर्टिफिकेट की बाढ़ लाकर लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का प्रयास है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इस प्रयास से वास्तव में हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके लाभों से वंचित होना पड़ेगा। शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से हर एक सर्टिफिकेट की गहन जाच करने और केंद्र सरकार की ओर से सूचीबद्ध समुदाय से उनके मिलान को सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार अयोग्य लोगों को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करती रही है, जिसे अदालतों ने भी रद्द किया है।