बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में दुलारचंद की हत्या के बाद इलाके में तेजी से समीकरण बदले हैं। 1 अक्टूबर को देर रात पुलिस की एक बड़ी टीम ने बाढ़ से अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। अनंत सिंह के साथ दो और लोगों की गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार होने के बाद बाहुबली अनंत सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर 'सत्यमेव जयते' लिखा और कहा कि अब उनके लिए उनकी जनता चुनाव लड़ेगी। अनंत ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनको फंसाने के लिए यह विरोधियों की साजिश हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी पर वापस चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी आ गई है। जानते हैं उनकी गिरफ्तारी के बाद मोकामा में समीकरण कितना बदलेगा?
दुलारचंद हत्याकांड में अब तक 4 FIR दर्ज की गई है। पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इसके साथ ही मामले में कई लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। घटनास्थल पर स्थिति अभी सामान्य है। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।
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गिरफ्तारी के बाद का समीकरण
इस बार का विधानसभा चुनाव सभी की तरफ से विकास के मुद्दों पर लड़ा जा रहा था। इस घटनाक्रम के बाद से फिर से अगड़ा वर्सेज पिछड़ों की लड़ाई छिड़ गई हैं। इलाके में भूमिहार समुदाय सबसे ज्यादा है। इनका रुख जिधर होगा चुनाव में उसी प्रत्याशी की जीत होगी। भूमिहारों के बीच इस बात की सबसे अधिक चर्चा है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
मोकामा में भूमिहारों के बीच दो वीडियो बहुत तेजी से सर्कुलेट हो रहा है। इसमें से एक वीडियो में दुलारचंद की शव यात्रा में भूमिहारों को गाली दी जा रही है और दूसरा जिसमें दुलारचंद यादव खुद अनंत सिंह के काफिले पर पत्थर मारते हुए नजर आ रहे हैं।
इन दो वीडियो के आधार पर इनके बीच सबसे ज्यादा इसी बात की चर्चा हो रही है कि अनंत सिंह को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। जिस शव यात्रा वाले वीडियो की बात की जा रही है उसमें ट्रैक्टर पर सूरजभान की पत्नी वीणा देवी भी थीं जहां भूमिहारों को गाली दी गई।
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सूरजभान सिंह को होगा नुकसान?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूरजभान सिंह के खिलाफ वहां समीकरण बन रहे हैं। लोगों का मानना है कि अनंत सिंह को फंसाने में इनका हाथ है। इनका कहना है कि आरजेडी कैंडिडेट की तरफ से जो भी अफवाह फैलाई जा रही है इस पूरे घटनाक्रम पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
अगड़ा वर्सेस पिछड़ा होने पर क्या होगा
1. मोकामा में लगभग 2.90 लाख वोटर्स हैं। यहां भूमिहार निर्णायक फैक्टर हैं क्योंकि इनकी आबादी लगभग 30 प्रतिशत से ज्यादा है। इसमें अगर ब्राह्मण और राजपूत को जोड़ दिया जाए तो सवर्णों की आबादी लगभग 40 प्रतिशत हो जाएगी। पिछड़ा वर्ग में लगभग 22-25 प्रतिशत यादव तो 20-22 प्रतिशत धानुक की आबादी है। इनके अलावा दलित, पासवान और मुस्लिम की संख्या लगभग 30 प्रतिशत के करीब है। भूमिहार और धानुक अभी तक एनडीए के वोटर्स रहे हैं और यही अनंत सिंह की जीत के सबसे बड़े फैक्टर्स रहे हैं। चुनाव में ये समीकरण बिगड़ता है तो इसका अनंत सिंह को नुकसान हो सकता है।
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2. 2024 में लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने पहली बार मुंगेर लोकसभा चुनाव में अगड़ा के खिलाफ पिछड़ा को मैदान में उतारा था। जेडीयू से ललन सिंह चुनाव लड़ रहे थे तो आरजेडी ने धानुक समाज से आने वाली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को कैंडिडेट बनाया था। ललन सिंह की जीत को पक्की करने के लिए तब पैरोल पर बाहर निकले अनंत सिंह ने भी इलाके में जनता के बीच संपर्क किया और उनके लिए वोट मांगा। साल 2000 के बाद यह पहली बार था कि मोकामा में ललन सिंह के लिए अनंत सिंह के वोट मांगने के बावजूद भी वह पिछड़ गए थे।
मोकामा को भूमिहारों की राजधानी कहा जाता है। यहां 30 फीसदी से ज्यादा आबादी भूमिहारों की है। यही वजह है कि 1952 से लेकर अभी तक इस सीट पर भूमिहार समाज से आने वाले लोग ही विधानसभा जाते रहे हैं। अब 14 नवंबर के बाद पता चल जाएगा कि टाल में किसका राज होगा।